
Toilet,controversy,Vikram University Ujjain,
उज्जैन। स्वच्छता अभियान के दौर में देशभर में 'टॉयलेट एक प्रेम कथाÓ फिल्म चर्चाओं में है, लेकिन विक्रम विश्वविद्यालय में स्थिति उलट है। यहां टॉयलेट वर्चस्व और विवाद का कारण बन गया है। विवि के दो विभाग टॉयलेट उपयोग को लेकर आमने-सामने हंै। इस कारण टॉयलेट पर ताला लगाने तक की स्थिति आ गई है। इस कारण विशेष परिस्थितियों में विद्यार्थियों के सामने सुविधाघर का संकट खड़ा हो गया है। हालांकि ए ग्रेड विवि में विद्यार्थियों को सुविधाघर की सुविधा नहीं मिल पाना पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है।
विक्रम विवि कैम्पस के सुमनमानविकी भवन के प्रथम तल पर अर्थशास्त्र और संस्कृत विभाग संचालित होते हैं। प्रथम तल के दोनों तरफ विद्यार्थियों के लिए सुविधाघर है, लेकिन संस्कृत विभाग के सुविधाघरों में पानी व लाइट की व्यवस्था नहीं है। महिलाओं के लिए बनाया गया सुविधाघर अर्थशास्त्र विभाग की तरफ है। एेसे में जब संस्कृत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सुविधाघर का उपयोग करने पर अर्थशास्त्र विभाग के लोगों को आपत्ति है।
क्या बोले विद्यार्थी
संस्कृत विभाग के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का कहना है कि वह जब पीने के पानी लेने गए तो उन्हें मना कर दिया। छात्राओं का कहना है कि गल्र्स सुविधाघर अर्थशास्त्र विभाग की तरफ है। इसके साथ संस्कृत विभाग की तरफ के सुविधाघर पूरी तरह से उपयोग लायक नहीं है। पानी तक नहीं है।यह है छात्र संख्या
अर्थशास्त्र विभाग - दो कोर्स - ४१ विद्यार्थी
संस्कृत विभाग - तीन कोर्स - १०५ विद्यार्थीपानी पर भी विवाद
भवन के प्रथम तल पर एक स्थान पर वाटर कूलर लगे हुए हैं। यह हिस्सा भी अर्थशास्त्र विभाग की तरफ आता है। एेसे में विद्यार्थियों को पीने के पानी की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है।
विभागाध्यक्ष बोले- किेसी को नहीं रोका
पत्रिका ने मामले में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख तपन चौरे से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि टॉयलेट इस्तेमाल करने से किसी को नहीं रोका। हमारी आपत्ति यह है कि सभी विभागों को अपनी टॉयलेट सुचारू रूप से चालू रखना चाहिए। पूरे भवन में हमारे विभाग की महिला टॉयलेट ठीक हालत में है। सभी विभागों की छात्राएं उसका उपयोग करती हैं। इससे उक्त टॉयलेट के रखरखाव में भी परेशानी आती है।
इनका कहना है।
भवन में मौजूद सभी सुविधाघर विद्यार्थियों के लिए है। किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं है। एक तरफ के सुविधाघरों में अव्यवस्था की बात है तो उन्हें सुधार दिया जाएगा।
डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, कुलानुशासक विवि
Published on:
15 Sept 2017 07:51 pm
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