
समर वैकेशन के आखिरी दौर में इन दिनों बाबा महाकाल के दर्शन करने बड़ी संख्या में देशभर से श्रद्धालु आ रहे हैं। हर दिन लगभग 2 लाख से अधिक श्रद्धालु सुबह भस्म आरती से लेकर शयन आरती तक मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर प्रशासन की तरफ से सभी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शेड, कालीन के टुकड़े, मेटिंग और पानी भरे मटकों की ट्रॉलियां चलाई जा रही हैं। वहीं महाकाल लोक में भी श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।
उज्जैन. समर वैकेशन के आखिरी दौर में इन दिनों बाबा महाकाल के दर्शन करने बड़ी संख्या में देशभर से श्रद्धालु आ रहे हैं। हर दिन लगभग 2 लाख से अधिक श्रद्धालु सुबह भस्म आरती से लेकर शयन आरती तक मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर प्रशासन की तरफ से सभी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शेड, कालीन के टुकड़े, मेटिंग और पानी भरे मटकों की ट्रॉलियां चलाई जा रही हैं। वहीं महाकाल लोक में भी श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।
ग्रीष्म कालीन अवकाश अब खत्म हो चले हैं। कई जगह स्कूल खुल चुके हैं या एक-दो दिनों में खल जाएंगे। इसलिए श्रद्धालुओं के आने का क्रम बढ़ गया है। श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे से दर्शन के लिए लगभग एक से डेढ़ घंटे कतार में लगने के बाद दर्शन मिल रहे हैं। वहीं श्री महाकाल लोक घूमने वालों को भी दर्शन की भीड़ के साथ ही प्रवेश दिया जा रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालु धार्मिक नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं। प्रशासनिक कार्यालय की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शेड लगाए गए हैं, कालीन बिछाए हैं, जूता स्टैंड और लड्डू प्रसाद के साथ-साथ रसीद काउंटर की संख्या भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है।
त्रिवेणी पार्किंग स्थल फुल
महाकाल मंदिर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संग्रहालय के सामने बनी नई पार्किंग में वाहनों को पार्क कराए जाने की व्यवस्था की है, लेकिन आए दिन खासकर शनिवार, रविवार, सोमवार को यह पार्किंग भी फुल हो जाती है। इसलिए श्रद्धालुओं दूसरे स्थान पर अपने वाहन पार्क करना पड़ते हैं।
मंदिर परिसर में प्रवेश बंद
महाकाल मंदिर के परिसर में लगभग 30 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर स्थापित हैं, लेकिन इन दिनों मंदिर के सामने वाले हिस्से में निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है, इसलिए मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है। लगभग 25 दिनों से यह प्रवेश बंद है, इसलिए परिसर में सन्नाटा पसरा नजर आता है।
कार्तिकेय मंडपम से बाहर होते हैं श्रद्धालु
महाकाल मंदिर में दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को कार्तिकेय मंडपम की तरफ ऊपर भेजा जाता है, यहां से वे जूना महाकाल परिसर में से होते हुए निर्गम द्वार, अर्थात शंख द्वार की तरफ आगे बढ़ते हैं। इसके बाद कई श्रद्धालु महाकाल लोक घूमने निकल जाते हैं और कुछ बड़े गणेश की तरफ चले जाते हैं। कई श्रद्धालु प्रशासनिक कार्यालय से होकर भारत माता मंदिर की तरफ वाले रास्ते से बाहर निकलते हैं।
Published on:
12 Jun 2023 12:28 am
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
