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6 लोग महज 5 मिनट में प्रज्वलित कर देते हैं 1 हजार दीपक

हरसिद्धि मंदिर के खंडित दीप स्तंभ सुधारने का काम शुरू, विक्रमादित्य के समय की इन दीपमालिकाओं में लगे हजारों दीपक

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दीपमालिकाओं में लगे हजारों दीपक

उज्जैन. शक्तिपीठ मां हरसिद्धि मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन दीप स्तंभ को सुधारने का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि इन्हें सुधारने में कितना समय लगेगा, फिलहाल ये कहना मुश्किल है। एक प्राचीन स्तंभ में 27 अप्रेल को अचानक आग भभक उठी थी जिससे एक दर्जन से अधिक दीप खंडित हो गए थे। अब इन्हें सुधारा जा रहा है। खास बात यह है कि विक्रमादित्य के समय की इन दीपमालिकाओं में लगे हजारों दीपक को एक साथ महज 5 मिनिट में प्रज्वलित किया जाता है।

मंदिर के पुजारी राजेश गोस्वामी ने बताया कि 27 अप्रेल को आगजनी में 51 फीट ऊंचे दीप स्तंभ के निचले हिस्से में लगे पत्थरों के दीप चटखकर नीचे आ गिरे थे। एक दर्जन से ज्यादा दीपक टूटे थे जिन्हें बनाने के लिए राजस्थान से कारीगरों को बुलाया गया है।

एसडीएम डॉ. कल्याणी पांडे ने बताया कि राजस्थान के कारीगरों द्वारा दीपमाला का जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिया गया है। इस काम में लगभग दो से तीन लाख तक का खर्च आएगा, जिसकी मंजूरी कलेक्टर से मिलने के बाद जीर्णोद्धार कार्य शुरू कर दिया गया है।

दीप स्तंभ को सुधारने की कवायद में अधिक विलंब होने की वजह से वे श्रद्धालु परेशान हुए, जिन्होंने अग्रिम बुकिंग करा रखी थी। इन दीप स्तंभों को रोशन करने के लिए तीन महीने की वेटिंग चलती है। पहले इन्हें नवरात्र या विशेष अवसरों पर ही जलाया जाता था पर अब ये दीप सालभर जलाए जाते हैं।

हरसिद्धि मंदिर में गुप्त रूप से चलती है तंत्र-मंत्र की साधना
बता दें कि मंदिर परिसर में दो दीपमालिकाएं हैं जोकि सम्राट विक्रमादित्य के समय से हैं। आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि का पर्व 19 जून से शुरू हो रहा है। इसमें साधक गुप्त साधना में लीन रहकर माता रानी की भक्ति करते हैं। इस दौरान हरसिद्धि मंदिर में तंत्र-मंत्र की साधना गुप्त रूप से चलती है। इस साल 19 जून से शुरू होकर 28 जून तक होगी।

राजा विक्रमादित्य के जमाने से दीप स्तंभों में दीपक जलते आ रहे हैं। 2000 साल पुराना दीप स्तंभ 51 फीट ऊंचा है। दो दीप स्तंभों में 1011 दीपक हैं। खास बात यह है कि इन 1011 दीपों को केवल 6 लोग मात्र 5 मिनट में प्रज्ज्वलित कर देते हैं।

इतना खर्च आता है दीप स्तंभ प्रज्जवलित करने में
2500 रुपए दीप लगाने वाले कर्मचारियों के
4 डब्बे तेल का खर्च 8 से 9 हजार
1200 रुपए माता का शृंगार का सामान
700 रुपए प्रबंध समिति की रसीद