पानी को स्वच्छ रखने के लिए 9.50 करोड़ रुपए से ओजोनेशन प्लांट लगाए गए थे। सिंहस्थ खत्म होते ही शिप्रा की उसकी हालत पर छोड़ दिया गया। खान नदी का प्रदूषित पानी भी शिप्रा में मिल रहा है। लिहाजा नदी में फैली गंदगी का असर मछलियों पर पड़ा। पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से मछलियां मर रही हैं। लालपुल से लेकर रामघाट और चक्रतीर्थ के आगे तक मछलियां मरी पड़ी हैं। पंडे-पुजारियों का कहना है कि मछलियों से बदबू भी हो रही है। कुछ लोग मृत मछलियों को बाजार में बेचने के लिए ले जा रहे हैं, जिससे बीमारी फैलने का अंदेशा है।