
डोंगला मेरिडियन टाइम बनेगा विश्व का GMT (Photo Source- CM Mohan X Handle)
Dongla Sky line : काल का मतलब समय और काल की नगरी यानी महाकाल की नगरी। समय की गणना की दृष्टि से हजारों साल से भारत दुनिया के लिए आदर्श रहा है। उज्जैन काल गणना का केंद्र है। यह पांच हजार साल में खिसककर डोंगला आ गया। डोंगला की वराहमिहिर वेधशाला का अंतराष्ट्रीयकरण कर इसे रिसर्च का सर्वश्रेष्ठ केंद्र बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के डोंगला में खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय कार्यशाला में यह बात कही।
तारामंडल के लोकार्पण के मौके पर उन्होंने कहा कि, दुनिया के वैज्ञानिक रिसर्च करें और भारतीय खगोलशास्त्र की समझ स्थापित हो। कोशिश रहेगी कि केंद्र सरकार की मदद से स्टैंडर्ड टाइम के ग्रीनविच मेरिडियन टाइम (जीएमटी) को डोंगला मेरिडियन टाइम (डीएमटी) में बदला जाए। सीएम ने कहा, डोंगला वेधशाला के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देंगे। कार्यशाला में विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. शिवकुमार शर्मा, राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ. अरविंद रानाडे, भारतीय ज्ञान प्रणाली के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. जीएस मूर्ति, डॉ. सौरभ शर्मा, मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक अनिल कोठारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, उज्जैन में शंकु यंत्र से सूर्य की चाल देखी जा सकती है। 5 हजार साल में उज्जैन से खिसककर डोंगला पहुंच गया। एक दोलन (पेंडुलम मोशन) को जाने-आने में 27500 साल लगते हैं। कृष्ण लकड़ी लेने सांदीपनि आश्रम से नारायणा आए। अब तो जीपीएस है, देख सकते हैं कि दोनों एक सीध में है। सूर्य रेखा, कर्क रेखा की बात करते हैं तो पृथ्वी के अनुमान में नारायणा व डोंगला की दूरी विशेष नहीं दिखती पर डोंगला का जो महत्त्व है वही नारायणा का है। कृष्ण सुदामा के साथ उज्जैन से यहां इसी बिंदु को खोजने आए थे। इससे उज्जैन की महत्ता पूरी दुनिया में काल गणना के रूप में है।
Updated on:
22 Jun 2025 01:25 pm
Published on:
22 Jun 2025 01:18 pm
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