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उज्जैन. १ फरवरी से लागू हुए ई-वे बिल को ट्रांसपोर्र्ट व्यवसायी समझ नहीं पाए हैं। बिल ने ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों की मशक्कत बढ़ा दी है। अधिकतर व्यवसायियों ने अब तक रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया है। व्यापारियों का कहना है कि ई-वे बिल के लिए कम्प्यूटर व इंटरनेट कनेक्शन आवश्यक है। ऊपर से गलती पर आयकर विभाग की कार्रवाई। वहीं ई वे-बिल के कईं नियमों में स्थिति स्पष्ट नहीं है। इन सभी दिक्कतों को लेकर व्यापारी असमंजस में हैं।
माल की बुकिंंग लेना बंद
इससे बचने के लिए फिलहाल ट्रांसपोट्र्स ने ५० हजार रुपए से अधिक के माल की बुकिंंग लेना बंद कर दी। यही स्थिति राज्य के अन्य शहरों में भी हैं। दूसरे शहरों से भी उज्जैन में माल नहीं आ रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में जरूरी वस्तुओं की किल्लत लोगों को झेलना पड़ सकती है।हालांकि ५० हजार रुपए से कम कीमत के माल की बुकिंग की जा रही है। वह भी २० से २५ किलोमीटर की दूरी तक के लिए।
ट्रांसपोट्र्स का कहना है
ट्रांसपोट्र्स का कहना है कि ई वे-बिल जनरेट करना हमारे बस की बात नहीं। व्यवसायियों का कहना है कि 10 किमी के दायरे के बाहर माल ले जाने पर ई वे-बिल की अनिवार्यता का नियम बेहद सख्त है। एयर कार्गो सर्विस देने वाले, कूरियर और ट्रांसपोर्टर्स को इससे बाहर रखा जाना चाहिए।
इन बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट नहीं
उज्जैन के व्यापारी को विभिन्न १० शहरों में माल भेजना है तो वह ई-वे बिल एक बनवाए या अलग-अलग।
अपंजीकृत व्यक्तिदूसरे अपंजीकृत व्यापारी को अपना माल भेजता है तो उसे ई वे-बिल से छूट है। अगर वह पकड़ा गया तो उसका क्या होगा।
माल रेल, प्लेन या शिप के जरिए भेजा जा रहा है तो इसकी डिटेल देना जरूरी है और जानकारी कब देना है? माल लोड करने के बाद या पहले।
लोडेड सामान के लिए पैकिंग, किराया, इंश्योरेंस का कोई कॉलम नहीं है। ऐसे में माल की लागत वैल्यू में इसे कैसे शामिल करेंगे?
ई वे-बिल एक से दूसरे जिले के बीच परिवहन पर लगेगा या शहर के भीतर होने पर भी?
10 हजार रुपए वैल्यू वाले सामान कई हो सकते हैं। ऐसे में ट्रांसपोट्र्स को ई वे-बिल जारी करना है कि नहीं।
ई वे-बिल में एक दिन में 100 किमी की दूरी तय करने की शर्त पूरी न करने पर क्या इन्हें फिर से ई वे-बिल लेना होगा?
यह है ई वे बिल
सरकार ने माल परिवहन के दौरान होने वाली कर चोरी पर सख्ती से लगाम लगाने के उद्देश्य से ई-वे बिल व्यवस्था लागू की है। इस बिल के प्रभाव में आते ही 50 हजार से अधिक का सामान खरीदने पर ग्राहक को भी ई-वे बिल लेना होगा। यदि वाणिज्यिक कर विभाग की जांच में ग्राहक बिना ई-वे बिल के सामान ले जाते हुए मिला तो उसे जीएसटी के बराबर पेनल्टी देना होगी। ट्रांसपोर्टर को भी एनरॉलमेंट लेना होगा। इसके लिए बिल के अलग-अलग प्रारूप और लिंक दी गई है। इससे वस्तु, खरीदार और दुकानदार की सामान्य जानकारी देकर भी बिल जनरेट किया जा सकेगा। यह बिल जीएसटी में रजिस्टर्ड हर व्यापारी को जारी करना होगा।
५० हजार से ज्यादा के माल की बुकिंग बंद
&५० हजार से अधिक के माल की बुकिंग बंद कर दी है। बाहर से भी शहर में माल नहीं आ रहा। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है इसलिए व्यापारी बुकिंग लेने और करवाने में डर रहे हैं।
-अशोक जैन, पूर्व अध्यक्ष उज्जैन गुड्स ट्रांसपोर्ट एसो.
स्थिति स्पष्ट नहीं है, कईं गफलत है
&करीब 10 ऐसे बिंदु हैं, जिनको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। उम्मीद है कि सरकार आने वाले दो चार दिन में इनमें स्थिति साफ कर देगी। उसके बाद बुकिंग सामान्य हो जाएगी।
-तरुण गुप्ता, ट्रांसपोर्ट व्यवसायी, दूधतलाई
इंटरनेट व कम्प्यूटर चाहिए
&ई-वे बिल के लिए कम्प्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन व एक ऑपरेटर चाहिए। यह व्यवस्थाएं होगी उसके बाद ही माल की बुकिंग कर सकेंगे। फिलहाल ५० हजार से कम के माल की बुकिंग ले रहे हैं।
-भूषण काले, ट्रांसपोर्ट व्यवसायी, दूधतलाई
Published on:
08 Feb 2018 01:09 pm
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