
Fault of irresponsibility.. responsible for not picking up the phone w
उज्जैन.
बिजली गुल होने का दौर अकसर मानसून में होता है, लेकिन इस वर्ष गर्मी में बंद होती बत्ती बिजली कंपनी की लापरवाही का खुलासा कर रही है। मानसून पूर्व मेंटेनेंस के बावजूद जगह-जगह गैर जिम्मेदारी के फाल्ट सामने आ रहे हैं। इस लापरवाही की बत्ती गुल होने से जनता परेशान है। शहर के हर क्षेत्र में दिन भर बार-बार बिजली बंद होने से ना केवल जनता को गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ रहा है, बल्कि ट्रांसफार्मर जलने, फाल्ट होने से बिजली कंपनी को भी आर्थिक फटका लग रहा है। अप्रेल व मई माह में शहर के दोनों जोन में 45 से ज्यादा फाल्ट हुए हैं, वहीं 12 से ज्यादा बार ट्रांसफार्मर में आग लगी है। इधर बिजली की चोरी करने के लिए तार काटे जा रहे हैं, जिससे भी होने वाले फाल्ट के कारण बिजली बंद हो रही है। बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि बिजली चोरी पकडऩे के प्रयास जारी है, वहीं ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाने से भी बिजली बंद करना पड़ रही है।
इन कारणों से होते हैं फाल्ट और बत्ती गुल
- पेड़ की डालियां बिजली के तारों पर झूलने से।
- बिजली के तार पर बड़े पक्षी बैठने से।
- बिजली के तार कट जाने या काटे जाने से।
- ओवरलोड के कारण ट्रांसफार्मर जल जाने से।
- ट्रांसफार्मर के नीचे लगे बॉक्स में फाल्ट होने से।
- 11 केवी लाइन का सही मेंटेनेंस नहीं होने से ट्रीप की समस्या।
यहां गड़बड़ी
- फाल्ट की स्थिति से बचाव के लिए बिजली कंपनी ट्री कटिंग करवाती है। बावजूद इसके फाल्ट होना मेंटेनेंस पर सवाल उठा रहा है।
- कटे तारों की जांच के लिए बिजली कंपनी के दल पड़ताल करते रहते हैं। बावजूद इसके फाल्ट होना काम में लापरवाही बता रहा है।
- ट्रांसफार्मर की जांच पड़ताल कर उन पर पडऩे वाले लोड का मापदंड किया जाता है। बावजूद इसके उनका जलना बेपरवाही बता रहा है।
Published on:
12 Jun 2022 04:16 pm
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