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उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संस्थान (एसओइटी) में संचालित बीई पाठ्यक्रम में एकाएक फीस की वृद्धि की गई। एसओइटी की फीस सरकारी कॉलेज से अलग निजी कॉलेजों से भी काफी ज्यादा हो गई। इसके बाद पिछले सत्र में काफी कम संख्या में प्रवेश हुए। इसके बाद परेशान अधिकारियों ने फीस संशोधित करने का निर्णय लिया। जो फीस गुरुवार को तैयार हो गई। अब आगामी सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों को प्रतिवर्ष 29 हजार रुपए फीस देनी होगी। यह फीस गतवर्ष की तुलना में करीब 10 हजार रुपए कम है। गत सत्र में बीई के विद्यार्थियों से 41 हजार रुपए फीस ली गई थी।
बैठक में आया था मुद्दा
एसओइटी में पिछले सत्र में एकाएक तेजी से प्रवेश की संख्या गिर गई। इसके पीछे मुख्य कारण फीस में काफी वृद्धि होना था। यह विषय अधिकारियों की संज्ञान में लाया गया, लेकिन पूर्व कुलपति फीस कम करने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद विभागाध्यक्षों की बैठक में फीस ज्यादा होने का मुद्दा आया। इसके बाद पूर्व के प्रस्ताव पर विचार कर नई फीस लागू कर दी गई।
यह है नई फीस
नए सत्र से विद्यार्थियों को पंजीयन २००, ट्यूशन फीस २२३००, स्पोट्र्स १८०, लाइब्रेरी १०००, छात्र कल्याण, बीमा ११२०, लैबोरेट्री ३००० सहित कुल २९२९१ फीस देनी है। पहले वर्ष में कॉशन मनी के नाम पर २ हजार जमा होंगे। यह पैसे वापस मिल जाते हैं।
स्थाई शिक्षक व संस्थानों की कमी
विक्रम विवि इंजीनियरिंग संस्थान (एसओइटी) में स्थाई शिक्षक नहीं है। अतिथि विद्वान के सहारे पूरा संस्थान संचालित हो रहा है। साथ ही निदेशक के रूप में कम्प्यूटर साइंस के रीडर डॉ. उमेश सिंह को प्रभार सौंपा गया है। हालांकि उन्होंने संस्थान को काफी बेहतर ढंग से संचालित किया, लेकिन शिक्षकों की गुटबाजी के चलते करीब एक वर्ष पहले उन्हें हटा दिया गया। इसके बाद संस्थान की स्थिति काफी बिगड़ गई। स्थिति यह थी कि इंजीनियरिंग संस्थान में निदेशक जूलॉजी विषय और सह निदेशक इकॉनोमिक्स विषय से बना दिया। इसके बाद जब विभाग पूरी तरह से बेपटरी होने लगा तो नए सिरे से डॉ. उमेश सिंह को चार्ज दिया गया। इसी के साथ संस्थान में संसाधनों की भी काफी कमी है। लंबे समय से लैब व लाइब्रेरी के खरीदी प्रस्ताव अधर में लटके हुए हैं।
Published on:
31 May 2019 07:45 am
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