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नागदा में बाढ़ के हालात बने तो ये करेंगे आपकी सुरक्षा

निचली बस्तियां जहां चंबल नदी में जलस्तर बढऩे पर पानी भर जाता है इन्हें चिह्नित कर व्यवस्था जुटाने के दिए निर्देश

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नागदा. बारिश को लेकर प्रशासन ने आबदा प्रबंधन की बैठक कर बाढ़ आने पर उससे निपटने की तैयारी सहित जलभराव वाले क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर व्यवस्थाओं को जुटाने के लिए भी निर्देश दिए है। लेकिन इस बैठक में एसडीएम डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने सप्ताहभर पहले हुई बारिश के दौरान १० से १२ घंटे तक शहर की बिजलीगुल होने पर भी नाराजगी जताई। इस दौरान उन्होंने कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर हाल में समय रहते पेड़ों की छटाई व मेंटेनेंस के काम को पूरा कर लें ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति न बने। मंगलवार को सर्किट हाउस पर आयोजित आबदा प्रबंधन की बैठक में दो घंटे से अधिक समय पर इस बात पर मंथन हुआ कि बीते वर्षों में बाढ़ के दौरान बने हालातों को इस बार ऐसी स्थिति बनने से कैसे रेाका जाए। खास तौर पर गफूर बस्ती सहित ऐसी निचली बस्तियां जहां पर चंबल नदी में जल का स्तर बढऩे पर पानी भर जाता है। ऐसे क्षेत्रों को प्रमुखता से चिह्नित कर यहां व्यवस्था जूटाने के निर्देश दिए
गए हैं।
ये थे मौजूद
ग्रेसिम उद्योग के जनसंपर्क अधिकारी अजय जैन, बीइओ अर्जुनसिंह सोलंकी, केमिकल उद्योग के मनीषसिंह, बीनू पी कौशी, लोकनिर्माण विभाग के अरुण दुबे, नगरपालिका से आबीद अली, शाहिद मिर्जा, बिजली कंपनी से हिमांतसिंह चौहान,
किसे क्या दी जिम्मेदारी
नगरपालिका को कंट्रोल रुम पर २४ घंटे एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाकर आबदा के दौरान पूनर्वास करवाने के लिए क्षेत्र की धर्मशालाओं और स्कूलों की चाबियों की पहले से व्यवस्था करके रखने को कहा। उद्योगों को तैराकों के नाम पते और मोबाइल नंबरों की सूची के अलावा जरुरत पडऩे पर खाने के पैकेट तैयार करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। ये काम ग्रेसिम, केमिकल डिविजन, लैंक्सेस सहित अरुणी कैमिकल को करना है। लोक निर्माण विभाग को क्षतिग्रस्त पुल पुलिया पर तेजी से काम करने व इस तरह के अन्य जलस्रोतों की पाल सहित अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने का काम सौंपा गया है। आरपीएफ को खजूर वाले बाबा के पास से निकलने वाले रास्ते व पिपलोदा सागोतीमाता में बने पुलिया के निरीक्षण करने सहित ऐसे अन्य मार्गों की सूची तैयार करने को कहा है जहां से बाढ़ के दौरान निकलना खतरानक होता है।बिरलाग्राम थाना प्रभारी बीएस चौधरी, महिला एवं बालविकास विभाग के परियोजना अधिकारी महेश वर्मा आदि मौजूद रहे।
नायन पुलिया सबसे ज्यादा संवेदनशील
इस बार बारिश के दौरान सर्वाधिक संवेदनशील नायन की निर्माणधीन पुलिया को माना जा रहा है। क्योकि बारिश के पहले इस पर काम पूरा नहीं होगा। ये पुलिया बीच नदी में कम उंचाई पर होने के कारण हर साल बारिश में जलमग्न होती है। ऐसी स्थिति में यहां आधा दर्जन से अधिक गांव के लोगों का सीधा आना जाना प्रभावित होता है। कई बार लोग जान पर खेलकर इसे पार करते हैं। ऐसी परिस्थिति में इस पुलिया पर इस बार बिरलाग्राम पुलिस व ग्रेसिम उद्योग का सुरक्षा विभाग संयुक्त रुप से निगरानी रखेगा।
नालों की सफाई का जिम्मा उद्योग के पास
बारिश के पहले किसी भी कीमत पर चंबल मार्ग स्थित गंदेनाले की निर्माणधीन पुलिया का काम पूरा हो जाएगा। ये दावा लोकनिर्माण विभाग ने किया है। दरअसल इस नाले के कारण गफूर बस्ती सहित इस क्षेत्र के निचले इलाकों में पानी भरता है। इस पुलिया का निर्माण यदि नहीं हो पाया तो लोगों को काफी घुमकर आना जाना पड़ेगा। इसके साथ ही मंडी क्षेत्र के गंदे नाले की नदी तक की पुलिया की सफाई का जिम्मा नगरपालिका को सौंपा गया है। जबकि बिरलाग्राम क्षेत्र में इस नाले सहित अन्य नालों की सफाई का जिम्मा उद्योगों को सौंपा गया है।