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गैंगवार: आतंक का नया चेहरा बने दुर्लभ कश्यप की हत्या, ड्रेसकोड में रहते थे गैंग के सभी सदस्य

कम उम्र के किशोरों और युवाओं को गैंग में शामिल करवाता था, फेसबुक पर भी करता था प्रचार...।

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उज्जैन। शहर के हिस्ट्रीशीटर बदमाश दुर्लभ कश्यप की पुरानी रंजिश के चलते हत्या हो गयी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दुर्लभ कश्यप पर कुछ लोगों ने रात 2 बजे के बाद हमला किया। हमले में दोनों पक्षों की ओर से गोलियां चली।

कश्यप का एक साथी भी घायल है जिसे इलाज के लिए इंदौर रेफर किया गया है। जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम रूम के बाहर भारी पुलिस बल मौजूद है साथ ही शहर में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया के जरिए शहर में अपना खौफ फैलाने के लिए की गई पोस्ट्स में भी कश्यप का नाम चर्चा में था। दुर्लभ कश्यप हमेशा अपने माथे पर गोल टीका, आंकों में काजल और गले में ब्लेक कपड़ा डालता था। इस कारण भी वो अपनी लाइप स्टाइल के कारण चर्चित रहता था।

एएसपी रूपेश द्विवेदी के मुताबिक जीवाजीगंज थाना क्षेत्र में हमालवाड़ी स्थित चाय की दुकान के सामने यह घटना हुई। रात करीब डेढ़ बजे दुर्लभ दोस्तों के साथ वहां गया था। इसी बीच शहनवाज, उसका भाई और उसके कुछ साथी भी पहुंच गए थे। दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इस बीच दुर्लभ ने शहनवाज पर फायर कर दिया, जिससे वो घायल हो गया। शहनवाज के साथियों ने भी जवाब में हमला कर दिया और दुर्लभ को चाकू से गोद दिया, इसके बाद इसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इसके बाद घायल शहनवाज को अस्पताल लेकर गए, जहां से उसे इंदौर रैफर किया गया है। मामले में कुछ आरोपी और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। दुर्लभ कश्यप पर करीब 8 से 9 गंभीर अपराध दर्ज थे। वहीं, शहनवाज, उसके भाई और साथियों पर भी कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

इसलिए फेमस हुआ दुर्लभ

दो साल पहले दुर्लभ कश्यप ने अपनी फेसबुक वाल पर एक पोस्ट डालकर दहशतगर्दी फैलाने का काम शुरू कर दिया। उसे बकायदा इसके लिए रेट तक तय कर दिए थे। पुलिस ने अक्टूबर 2018 में उस समय इस नई गैंग के 23 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, जो कि कम उम्र के थे। इनमें कुछ नाबालिग भी थे। गुंडागर्दी, मारपीट, लोगों को डराने के मामले में केस दर्ज हुआ था।

ऐसे फैलाते थे दहशत

दुर्लभ कश्यप का फेसबुक पर स्टेट्स है कि वह कुख्यात बदमाश, हत्यारा और अपराधी है कोई सा भी विवाद हो, कैसा भी विवाद हो, तो उससे संपर्क करें। इसी के साथ इन लोगों की प्रोफाइल पर हथियारों के साथ पोस्ट, धमकाने और दहशत फैलाने वाली पोस्ट भी डाली जाती थी।


-गैंग के लोगों की फेसबुक आइडी का संचालन करने के लिए भी एक टीम बना रखी है। जो दहशत फैलने वाली पोस्ट करते थे। इस आइडी से जेल में बंद लोगों की भी फोटो पोस्ट की गई थी।

गैंग के सदस्यों का ड्रेसकोड

अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले नए लड़कों ने अपनी गैंग का ड्रेस कोड भी निर्धारित किया। सभी लोग माथे पर गोल टीका लगाते थे। साथ ही आंखों में काजल, गले में ब्लेक कलर का कपड़ा डालते थे। यह सभी बड़े बाल भी रखते थे। खुद की लाइफ स्टाइल को काफी अलग कर रखा था। यह हर तरह का नशा भी करते हैं। हालांकि अपराध करते समय यह किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते थे।