
Houses and shops will be demolished to widen roads in MP
बेहतर कनेक्टिविटी और ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए एमपी में कई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। गावों और शहरों की दूरी मिटाने, यात्रियों को आरामदायक और सुगम सफर के लिए कई सड़कों को चौड़ा भी किया जा रहा है।
उज्जैन में तो अधिकांश प्रमुख मार्गों को चौड़ा किया जाना है।शहर में सड़क चौड़ीकरण के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक बुलाई गई जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सड़कें चौड़ी करने के लिए मकानों से पहले धार्मिक स्थलों को हटाने पर सहमति बनी। मकान दुकान टूटने पर प्रभावितों को मुआवजा देने की भी मांग उठी।
उज्जैन में केडी गेट मार्ग चौड़ीकरण से सबक लेते हुए अब अन्य सड़कों के चौड़ीकरण में मकानों से पहले धार्मिक स्थलों को शिफ्ट या उनके चिह्नित भाग हटाए जाएंगे। इसके लिए धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर सहमति बनाते हुए कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भवनों के प्रभावित हिस्से तोड़ने की कार्रवाई शुरू होगी।
सिंहस्थ-2028 को लेकर शहर के करीब आधा दर्जन प्रमुख मार्गों का चौड़ीकरण होना है। इसे लेकर जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के बीच शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, निगम अध्यक्ष कलावती यादव, कलेक्टर नीरजकुमार सिंह, निगमायुक्त आशीष पाठक के साथ ही संबंधित क्षेत्र के पार्षद और प्रमुख अधिकारी शामिल थे।
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कहा, हम शहर विकास में मार्ग चौड़ीकरण के लिए तैयार हैं लेकिन रहवासियों के मकानों को तोडऩे से पहले जरूरत अनुसार धार्मिक स्थलों को शिफ्ट करने या उनके प्रभावित हिस्सो को हटाने की कार्रवाई की जाए। मार्ग चौड़ीकरण में हटाए जाने वाले निर्माणों पर प्रशासन बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई करे।
जनप्रतिनिधियों ने केडी गेट मार्ग चौड़ीकरण का हवाला भी दिया और कहा कि समान कार्रवाई नहीं होने से लोगों के घर तो टूट जाते हैं लेकिन मार्ग पूरी तरह चौड़ा नहीं हो पाता है। बैठक में निर्णय लिया गया कि चौड़ीकरण की कार्रवाई में पहले धार्मिक स्थलों को लेकर कार्रवाई की जाएगी, इसके बाद भवनों के प्रभावित हिस्से को तोडऩे की कार्रवाई होगी। दो घंटे से अधिक समय चली बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
गलत नक्शे पास करने वालों पर कार्रवाई
बैठक में निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने कहा, जलभराव से बचाव के लिए नालों के पानी की निकास व्यवस्था व्यवस्थित तरीके से करें। मास्टर प्लान का पालन ना कर गलत नक्शे पास करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इन प्रमुख बिंदुओं पर भी चर्चा
मार्ग बनने के बाद सीवर, गैस लाइन आदि के लिए दोबारा सडक़ न खोदना पड़े, इसलिए यूटिलिटी डक्ट निर्माण को कार्ययोजना में शामिल करें।
पार्षद रजत मेहता ने कहा, जिस प्रकार रुद्रसागर के नजदीक भवन हटाने पर 66 करोड़ का मुआवजा दिया गया, योजना में प्रावधान हो तो मार्ग चौड़ीकरण के प्रभावितों को भी मुआवजा दिया जाए। कलेक्टर ने कहा, मास्टर प्लान अंतर्गत कार्रवाई में इसका प्रावधान नहीं है। एफएआर देंगे।
मांगा मुआवजा
पार्षद पूनम जायसवाल ने कहा, वार्ड-19 में दो स्थान पहले से 60 फीट चौड़े हैं, वहां सिर्फ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो। जिनमें भवन टूटेंगे, उन्हें मुआवजा मिले ताकि वे रिनोवेशन करवा सकें। मुआवजा नहीं दिया जाए तो 25-30 वर्ष के संपत्तिकर में छूट दी जाए। उन्होंने लिखित में मांग पत्र भी दिया। जनप्रतनिधियों ने कहा, नाली निर्माण, बिजली पोल, सेंट्रल डिवाइडर आदि को लेकर पहले ही स्थिति स्पष्ट कर ली जाए। बाद में संशय की स्थिति न बने।
इस संबंध में कलेक्टर नीरजकुमार सिंह बताते हैं कि टेंडर खोलने से पहले मार्ग चौड़ीकरण के लिए तैयारी पूर्ण कर ली जाएगी। भवनों को तोडऩे से पूर्व धार्मिक स्थलों को शिफ्ट करने या प्रभावित भाग हटाने के संबंध में कार्रवाई करेंगे। इसके लिए संबंधित स्टेक होल्डर से चर्चा की जाएगी। प्रभावित भवन स्वामियों को तत्काल एफएआर दिया जाएगा।
Updated on:
26 Jan 2025 04:37 pm
Published on:
26 Jan 2025 04:36 pm
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
