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उज्जैन. शहर में पेयजल आपूर्ति का प्रमुख जरिया गंभीर डैम यहां की इकॉनोमी और पर्यटन बढ़ाने में भी बड़ी भागीदारी कर सकता है। एडवेंचर स्पोट्र्स के नेशनल कोच गंभीर पर एडवेंचर टूरिज्म (साहसिक पर्यटन) की अपार संभावना देख रहे हैं। खासकर शहर से इसकी अनुकूल दूरी और आसपास खाली जमीन इस क्षेत्र को प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर का एडवेंचर टूरिस्ट स्पॉट बना सकते हैं।
देहरादून के रोहित मिश्रा और मनीष कुमार ने हाल में गंभीर डैम व आसपास का दौरा किया। वे शहर के पर्वतारोही अमन मिश्रा के निमंत्रण पर अंबोदिया स्थित सेवाधाम आश्रम आए थे। गंभीर का दौरा करने के बाद पत्रिका से विशेष चर्चा में रोहित व मनीष ने बताया, यहां वॉटर गेम्स और एडवेंचर स्पॉट्स के लिए अनुकुल परिस्थितियां हैं। प्रशासन के सहयोग और छोटे निवेश से गंभीर पर कयाकिंग व केनोइंग बोटिंग स्पोट्र्स और कैपिंग-फायर कैंपिंग को आसानी से विकसित किया जा सकता है। ऐसा होता है तो उज्जैन में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की पूरी संभावना है।
क्या है कयाकिंग व केनोइंग
कयाकिंग व केनोइंग एक प्रकार की बोट्स या डोंगी होती हैं। यह काफी कम वजन की होती है जो चप्पू (ब्लेड) से चलती हैं। कयाकिंग, कयाक से बना है,जिसका अर्थ पानी को पार करना होता है। इन्हें चलाना पूरी तरह रोमांच से भरा होता है।
उज्जैन को मिल सकती है नई दिशा
शहर की इकॉनोमी ग्रोथ के लिए पर्यटन को बड़े माध्यम के रूप में देखा जा रहा है। यहां धार्मिक पर्यटन तो बढ़ ही रहा है, इसके अलावा हेरिटेज टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म की भी अपार संभावना है। हालांकि इस ओर अभी तक किसी प्रभावी प्रयास नहीं हुए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि उज्जैन में शिप्रा और गंभीर नदी के सहारे वॉटर स्पोट्र्स को बढ़ावा दिया जाए तो यहां एडवेंचर टूरिज्म भी विकसित हो सकता है। मनीष व रोहित कहना है अपने अंदर छुपे डर को जीतने और एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए हमेशा ही कुछ खेल कौतूहल का विषय रहे हैं। एडवेंचर का शौकीन व्यक्ति हमेशा से ही कुछ अलग करना चाहता है। कायकिंग और केनोइंग पानी के ऐसे ही गेम्स हैं, जो रोमांच के आसमान पर ले जाते हैं। इसलिए पश्चिम की तर्ज पर अब भारत में भी युवाओं के बीच एडवेंचर टूरिज्म की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।
हिमालय की चोटियों पर फहराया तिरंगा
शहर आए मनीष कुमार व रोहित मिश्रा साहसिक खेलों के देश के चुनिंदा खिलाड़ी व विशेषज्ञों में से हैं। मनीष कुमार वरिष्ठ अनुभवी पर्वतारोही व वॉटर स्पोट्र्स एक्सपर्ट हैं। वह हिमालय की केदार डोन (६८३२ मीटर), स्तोक कांगरी (६१५३ मीटर), खर्च कुंड (६६३२ मीटर) आदि पर तिरंगा फहरा चुके हैं। रोहित मिश्रा देहरादून में एडवेंचर की निजी कंपनी एक्सपेडिशन लीडर हैं। वह बेसिक माउंटेनिंग व एडवांस माउंटेनिंग का कोर्स कर चुके हैं। रॉक क्लाइम्बिंग में सर्च एंड रेस्क्यु का कोर्स बेसिक, एडवांस व कोचिंग का कोर्स। भरुच नर्मदा में कयाकिंग व कनोइंग का प्रशिक्षण। इसके अलावा हिमालय की विभिन्न २० से अधिक साइड्स पर चढ़ाई कर चुके हैं।
गंभीर की खूबियों का मिलेगा फायदा
कम बहाव- गंभीर में पानी का बहाव इतना अधिक नहीं है कि यहां नांव-बोट नियंत्रित न की जा सके। इसलिए इसका कम बहाव सुरक्षित व रोमांचित कयाकिंग/केनोइंग के लिए अनुकुल है। साथ ही अधिकांश समय इसमें पानी उपलब्ध रहता है।
शहर से दूरी- मनोरंजन के लिए पर्यटक शहर के भीड़-भाड़ से बचने का प्रयास करते हैं। इसलिए ऐसा स्थान पसंद किया जाता है, जहां शोर, भीड़ आदि का तनाव न हो। साथ ही समय की कमी के कारण शॉर्ट टाइम आउटिंग का चलन भी बड़ा है। गंभीर शहर से करीब २० किलोमीटर दूर है। ऐसे में यहां भीड़-भाड़ की समस्या नहीं है। दूरी अत्यधिक नहीं होने के कारण पहुंचना भी आसान है।
जमीन- गंभीर के आसपास कृषि भूमि व रिक्त भूमि की कमी नहीं है। खाली जमीन कैंपिंग-फायर कैंपिंग स्पॉट विकसित किया जा सकता है। इससे वॉटर स्पॉट्स के साथ एक-दो दिन कैपिंग का मजा भी उठाया जा सकता है। इस स्थिति में कुछ रेस्तरां भी विकसित किए जा सकते हैं।
ग्रामीण परिवेश- शहर के नजदीक होने के बावजूद गंभीर के आसपास ग्रामीण परिवेश व प्राकृतिक सौंदर्य मिलता है। शॉट आउटिंग के लिए ऐसे स्थान पहली पसंद बन रहे हैं।
भारत में बढ़ा एडवेंचर टूरिज्म
एडवेंचर टूरिज्म अब भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। इसमें वॉटर गेम्स के अलावा, पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, एयर बेलुइंग, क्लिफ जंपिंग, पेराग्लाइडिंग, स्नोराइडिंग आदि गेम्स शामिल हैं। कयाकिंग/केनाइंग का चलन और भी बढ़ रहा है।
भारत में यहां कयाकिंग का के्रज
- ब्रह्मपुत्र नदी। यहां जोखिम अधिक है इसलिए दक्षता जरूरी है।
- असम व अरुणाचल में ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी सुबनसिरी नदी। यहां भी दक्षता की जरूरत है।
- ऋषिकेश, यह रीवर राफ्टिंग के लिए प्रमुख स्थान। बड़ी संख्या में पर्यटक जल क्रीड़ा के लिए आते हैं।
- कर्नाटक की काली नदी। यहां कम जोखिम में कयाकिंग का लुत्फ मिलता है।
- कारगिल के नजदीक झंस्कार नदी। अटूट प्राकृतिक सौंदर्य के बीच कयाकिंग का मजा। कुशल प्रशिक्षण जरूरी।
Published on:
06 May 2018 08:00 am
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