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कार्तिक मेले में नहीं उड़ेगी धूल, ३ करोड़ से नई शक्ल में संवरेगा

दो बड़े व चार छोटे प्रवेश द्वार, झूले वाले स्थान पर नया आधुनिक मंच व ग्रीन रूम, अंडरग्राउंड डे्रनेज सिस्टम, सालभर हो सकेंगे विविध आयोजन

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राहुल कटारिया
उज्जैन. कार्तिक मेले में धूल के गुबार, उबड़-खाबड़ भूमि व अव्यवस्थाओं से निजात मिलेगी। नगर निगम इसे नई शक्ल में संवारेगा। पहले फेज में ३ करोड़ रुपए से यहां विकास कार्य होंगे, जिसमें तीन बड़े व चार छोटे प्रवेश द्वारा, झूले वाले स्थान पर नया आधुनिक स्थायी मंच, दो ग्रीन रूम, शेड व पूरे मैदान पर अंडर ग्राउंड ड्रेनेज, पाथ वे सहित अन्य अधोसंरचनागत काम होंगे। दूसरे फेज में यहां सीसी रोड, पूरे मैदान को कवर करने बाउंड्रीवॉल व अन्य निर्माण होंगे। नगर सरकार ने दो साल पुराने वादे पर काम शुरू कर दिया है। करीब ६.५० करोड़ रुपए की डीपीआर में से मौजूदा बजट में ३ करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे, जिनसे मेला प्रांगण नए स्वरूप में नजर आने लगेगा। उद्देश्य यही है कि इस स्थान पर कार्तिक मेले के अलावा सालभर अन्य इस तरह के आयोजन भी हो। निगम ने पहले फेज में ३ करोड़ रुपए का टेंडर भी जारी कर दिया है। एक से डेढ़ माह में काम शुरू होने के आसार हैं।
ब्लू प्रिंट तैयार, इसी मान से विकास
नगर निगम ने पहली बार मेले को लेकर व्यवस्थित प्लान बनवाया है। आर्किटेक्ट सुधीर सक्सेना ने ५ एकड़ क्षेत्र के लिए इसका ब्लू प्रिंट तैयार किया है। अब इसी मान से मेले का विकास किया जाएगा। दुकान के स्थान से लेकर मेले में हर उपयोग के लिए जगह आरक्षित की गई है। कार्तिक मेले से अलग यहां इस तरह के अन्य बाजार व मेले भी लग सकेंगे।
इस तरह संवरेगा मेला प्रांगण
- करीब ५ हेक्टेयर में फैले मैदान को चारों ओर से कवर किया जाएगा।
- ४ छोटे प्रवेश द्वार निर्मित होंगे, दो से प्रवेश व दो से निकासी होगी।
- दो बड़े गेट जिनसे वाहन प्रवेश हो सकेंगे। एक मौजूदा मंच के पास पावर सब स्टेशन के सामने व दूसरा शंकराचार्य चौराहा दरगाह के नजदीक से।
- नए मंच के ऊपर डोम व दो ग्रीन रूम बनेंगे। ताकी सांस्कृतिक प्रस्तुति दौरान कलाकर इनका उपयोग कर सकें।
- प्रांगण में फूड जोन के लिए स्थान आरक्षित रहेगा। यहां स्वच्छ पेयजल, पब्लिक टॉयलेट व अन्य सुविधाएं रहेगी।
- धोबी घाट वाले स्थान से रिटेनिंग वॉल बन रही है। बीच के भाग में भराव जारी है, इससे मेला मैदान का क्षेत्रफल बढ़ जाएगा।
इन दिक्कतों से
स्थायी निजात
- मेला मैदान पर अभी धूल के गुबार उड़ते हैं। मेला दौरान खान-पान की दुकानें अव्यवस्थित लगती हैं।
- प्रवेश मार्ग व्यवस्थित नहीं होने से लोग कहीं से भी आवाजाही करते हैं।
- स्वच्छता के दौर में मेले का पुराना स्वरूप व्यापार पर विपरित असर डालता है।
- मौजूदा मंच सालों पुराना होने से इसमें स्पेस कम है व अच्छे ग्रीन रूम नहीं।
- मेला मैदान सुरक्षित नहीं है, बाउंड्रीवॉल बनने पर तय जगह सुरक्षित हो जाएगी।
ऐसा होगा लेआउट
मेला कुल एरिया : ५ हेक्टेयर
पार्किंग स्थान : ६८२० वर्गमी.
स्टेज एरिया : ८७६० वर्गमी.
झूला आरक्षित : १२५८० वर्गमी.
दुकान आरक्षित : १०२०० वर्गमी.
पॉथ वे : २०८४० वर्ग मी.
बाउंड्री वॉल : ७२० वर्ग मी.
फुटपाथ : ४१० वर्ग मी.