- कवि डॉ. कुमार विश्वास के बयान पर बवाल- बोले- RSS अनपढ़ और वामपंथी कुपढ़- रामकथा के दौरान दिया विवादित बयान- कुमार विश्वार से बयान पर प्रदेश में मचा बवाल- कालिदास अकादमी परिसर में दिया बयान
फैमस कवि कवि डॉ. कुमार विश्वास अपने बयानों को लेकर हमेशा देश की राजनीतिक सरगर्मी में बने रहते हैं। इस बार भी उनके एक बयान ने मध्य प्रदेश समेत देशभर में बवाल खड़ा करना शुरु कर दिया है। दरअसल, मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित कालीदास अकादमी में विक्रमोत्सव के तहत आयोजित रामकथा में शामिल हुए कुमार विश्वास ने विवादित बयान देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह दिया। उनके इस बयान का एक वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है। कुमार विश्वास द्वारा की गई इस टिप्पणी पर बीजेपी ने उन्हें घेरते हुए कहा कि, लो दूसरों को प्रमाण पत्र न बांटे और अपने काम से काम रखें।
आपको बता दें कि, कवि. डॉ. कुमार विश्वास मंगलवार को आयोजन में रामकथा सुना रहे थे। इस दौरान उन्होने एक अंश सुनाया, जहां उन्होने बजट, रामराज्य और आरएसएस से जुड़े एक बच्चे की बात कही। उन्होने कहा कि 'बजट से पहले बच्चे ने पूछा कि, कैसा बजट आना चाहिए, मैंने कहा- तुमने तो रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य का बजट आना चाहिए। तो वो बोला- रामराज्य में कहां बजट होता था।' इसके बाद कुमार विश्वास ने कहा कि 'समस्या यही है कि, वामपंथी कुपढ़ है और आरएसएस वाले अनपढ़। इस देश में दो ही लोगों का झगड़ा चल रहा है। एक तो वामपंथी हैं, जिन्होने पढ़ा सब है, लेकिन वो गलत पढ़ा है और एक आरएसएस वाले हैं, जिन्होंने कुछ पढ़ा ही नहीं है।'
आयोजन में शामिल थे सरकार के मंत्री विधायक
रामकथा के दौरान बजट पर बात करते - करते संघ और वामपंथियों पर जब कुमार विश्वास ने टिप्पणी की तो उस समय आयोजन में मध्य प्रदेश के मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन और महापौर मुकेश टटवाल भी मौजूद थे।
बज उठी तालियां
आपको ये भी बता दें कि, मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में कुमार विश्वास कथा सुनाने आए थे। यहां बड़ी संख्या में शहर के लोग भी शामिल हुए थे। हालांकि, जब कुमार विश्वास ने ये बात कही तो सामने बैठे श्रोताओं ने भी जोरदार तालियां बजानी शुरु कर दी।
बीजेपी ने दी नसीहत
हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा है कि, 'कथा करने आए हैं तो कथा कीजिए, प्रमाण पत्र मत बांटिये।' बहरहाल..ये मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है और प्रदेश की राजनीति में एक और नया मुद्दा गर्माने लगा है।