उज्जैन. सिंहस्थ की पंचक्रोशी यात्रा में शामिल होने वाले यात्रियों को इस बार अब तक की सबसे बेहतर सुविधाएं मिलने वाली हैं। पहली बार 117 किमी लंबे मार्ग पर पीपीपी मॉडल के तहत यात्रियों के सेवासुश्रा की योजना बनाई गई है। इसमें हर ढाई से तीन किमी की दूरी विश्राम स्थल बनाए जाएंगे, जहां यात्रियों को पड़ाव स्थल की तरह तमाम सुवधिएं मिलेगी। खास बात यह कि इस यात्रियों की इस सेवा में जिला प्रशासन के साथ रास्ते के गांववाले और पंचायतें भी भागीदारी करेगी।
एक करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना
सिंहस्थ में पंचक्रोशी यात्रा में करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। जिला पंचायत के माध्यम से 117 किमी लंबी यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अब तक यात्रा में सिर्फ पांच पड़ाव और उपपड़ावों पर ही सुविधाएं मुहैया होती थी, लेकिन इस बार पड़ावों के साथ दो से ढाई किमी के अंतराल में एक विश्राम स्थल बनाए जाएंगे। करीब 30 की संख्या में बनने वाले यह विश्राम स्थलों पर यात्रियों को ठहरने, पीने का पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। ताकि भरी गर्मी में चलने वाले यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो। वहीं यह विश्राम स्थल वहां बनाए जा रहे हैं जहां पर पेड़ों की छांव हो, पीने का पानी उपलब्ध हो। साथ ही गांव वाले भी अपने स्तर पर यात्रियों की सेवा कर सके। जिला पंचायत के अधिकारियों की मानें तो इन स्थानों का चयन भी कर लिया गया है। यहां ग्रामीणों ने न केवल अपने खेत देने को तैयार है बल्की सेवा के लिए हर संभव मदद की रजामंदी भी दी है।
92 किमी पंचक्रोशी मार्ग बना पक्का
सिंहस्थ के लिए 92 किमी लंबे पंचक्रोशी मार्ग का डामरीकरण भी किया गया है। ताकी यात्रियों को कच्चे मार्ग पर नहीं चलना पड़े। इसके लिए 63 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पड़ाव स्थल व मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था के लिए 87 लाख रुपए का टेंडर स्वीकृत किया है। इसमें बड़े पैमाने पर हेलोजन व अन्य लाइटिंग लगेगी। पंचक्रोशी यात्रा व सिंहस्थ तैयारी के लिए जिला पंचायत को 5.48 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। यह राशि यात्रियों को मुलभूत सुविधाएं सहित अन्य इंतजामों पर खर्च की जाएगी।