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होलकर स्वरूप में महाकाल को देखने उमड़ पड़े लाखों भक्त

सावन के 5वें सोमवार को शाम को महाकाल की सवारी निकली। होलकर स्टेट मुखारविंद के रूप में दर्शन देने निकले महाकाल को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े। इससे पहले महाकाल को सशस्त्र पुलिस बल ने सलामी दी।

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महाकाल की सवारी

उज्जैन. सावन के 5वें सोमवार को शाम को महाकाल की सवारी निकली। होलकर स्टेट मुखारविंद के रूप में दर्शन देने निकले महाकाल को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़े। इससे पहले महाकाल को सशस्त्र पुलिस बल ने सलामी दी।

इस बार सावन माह की ये 5वीं सवारी है। महाकाल की इस सवारी में पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर हैं जबकि हाथी पर मनमहेश, नंदी रथ पर उमा महेश और गरुड़ रथ पर शिवतांडव हैं।

महाकालेश्वर मंदिर में सभा मंडप में पुजारी ने पूजनकर सवारी को रवाना किया। यहां घनश्याम पुजारी ने महाकाल की विधिवत पूजा अर्चना की। सभा मंडल में कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम, विधायक पारस जैन और महापौर मुकेश टटवाल ने भी महाकाल की पूजा की।

आज महाकाल होल्कर स्टेट मुखारविंद स्वरूप में निकले हैं। सभा मंडप में पूजा के बाद सवारी को सशस्त्र पुलिस बल जवानों ने सलामी दी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सलामी दी गई। सवारी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हैं।

महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट की ओर जा रही है। यहां शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

बाबा की 10 सवारी होने से नए मुखौटे भी बढ़ाए
इस बार अधिकमास का सावन होने से बाबा महाकाल की कुल 10 सवारी निकाली जाएंगी। अभी तक चार निकल चुकी हैं, आज पांचवीं निकलेगी। आने वाले हर सोमवार को एक-एक क्रम जुड़ता जाता है, इस बार 10 सवारी होने से अंतिम चार सवारी के सभी स्वरूप बनकर तैयार हो चुके हैं।