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विद्यार्थी की मार्कशीट दिलवाने के लिए विधायक ने उठाया विधानसभा में प्रश्र

विक्रम विवि में विद्यार्थियों की समस्या का समाधान नहीं, दूसरी बार समाधान आयोजित, १०१ आवेदन, ९८ का निराकरण

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उज्जैन. प्रदेश के विश्वविद्यालय की अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए उच्च शिक्षा विभाग के प्रयासों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विक्रम विवि के एक विद्यार्थी को मार्कशीट दिलवाने के लिए विधायक को विधानसभा में प्रश्र उठाना पड़ा। विधायक कैलाश चावला की तरफ से विवि प्रशासन को दो बार पत्र लिखा गया, लेकिन विवि की तरफ से कोई जबाव नहीं आया। इसके बाद विधायक ने नाराज होकर विधानसभा का रूख गया। यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी जनप्रतिनिधियों और विवि प्रशासन के बीच जमकर विवाद और टकराव हो चुका है।
उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय समाधान शिविर का शुक्रवार को समापन हो गया। विभाग के निर्देश पर एक माह पूर्व २३ से २5 नवंबर तक विश्वविद्यालय में समाधान शिविर का आयोजन किया गया, लेकिन विवि के अधिकारियों की बेरूखी और प्रचार-प्रसार के अभाव में विद्यार्थियों को शिविर का लाभ नहीं मिला। शिविर में पहुंचे कम प्रकरणों की संख्या के चलते प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग ने फिर से दो दिवसीय शिविर के आयोजन के निर्देश दिए। इस बार विक्रम विवि के अधिकारियों की सक्रियता के चलते दो दिन में १०१ आवेदन पहुंचे। इस में से ९८ का निराकरण कर दिया गया। इस से पूर्व आयोजित तीन दिवसीय समाधान शिविर में २६८ प्रकरण प्राप्त हुए थे।
विधानसभा में मार्कशीट के लिए प्रश्र
विक्रम विवि की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से ठीक है, लेकिन छोटे-छोटे प्रकरणों के निराकरण के लिए जनप्रतिनिधियों को विधानसभा तक जाना पड़ा है। ऐसा ही एक मामला मौजूदा विधानसभा सत्र में आया। विधायक कैलाश चावला ने विद्यार्थियों की मार्कशीट नहीं मिलने के संबंध में कुलसचिव को दो बार पत्र लिखे, लेकिन संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने विधानसभा में प्रश्र लगा दिया। विवि की तरफ से जबाव में बताया कि शासकीय महाविद्यालय मनासा के विद्यार्थी की मार्कशीट के लिए दो बार पत्र प्राप्त हुए। यह मार्कशीट १९ सितम्बर और ११ अक्टूबर को भेज दी गई। विवि के इस सवाल पर भी सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर मार्कशीट नवंबर से पहले पहुंच गई। तो विधायक ने प्रश्र क्यों लगाया।
कई अन्य मामले भी विधानसभा में
विक्रम विवि में मार्कशीट, डब्ल्यूएच, प्रायोगिक परीक्षा, बीएड महाविद्यालय की फीस व अन्य विवाद, रिजल्ट बिगडऩे के कारण आंदोलन जैसे छोटे-छोटे विषयों पर प्रश्र लगाए जा रहे है। दरअसल, विक्रम विवि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच लगातार आपसी विवाद जारी है। इसी के चलते विक्रम विवि प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा तक का प्रश्र विधानसभा में पहुंच चुका है।