
कुछ समय से गर्भगृह की पवित्रता एवं परंपरा भंग होती जा रही है, महिलाएं साड़ी के अंदर कुर्ते, जींस, टीशर्ट आदि पहनकर प्रवेश कर रही हैं।
उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में गर्भगृह की मर्यादा, परंपरा और पवित्रता आदि अनादिकाल से चली आ रही है, लेकिन देखने में आ रहा है कि कुछ समय से गर्भगृह की पवित्रता एवं परंपरा भंग होती जा रही है, महिलाएं साड़ी के अंदर कुर्ते, जींस, टीशर्ट आदि पहनकर प्रवेश कर रही हैं। यह मंदिर की मर्यादा का सरासर उल्लंघन है।
महाकाल सेना राष्ट्रीय धर्म प्रकोष्ठ प्रमुख महेंद्र सिंह बैंस ने इस संबंध में एक पत्र प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ को दिया है, पत्र में मद्रास हाईकोर्ट द्वारा मंदिर की पवित्रता और मर्यादा बनाए रखने के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य करने का निर्देश का हवाला दिया गया है। यह भी संज्ञान में लाया गया है, महाकाल सेना मद्रास हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करती है और मंदिर समिति से आग्रह करती है कि मंदिर को आधुनिकता का पर्याय नहीं बनाएं, मंदिर की आध्यात्मिकता, पवित्रता व मर्यादा बनी रहे, इसका ध्यान रखें।
प्रवेश बंद होता है, तब ड्रेसकोड लागू होता है
मंदिर में भीड़ होने पर जब प्रवेश बंद होता है, तब ड्रेस कोड लागू होता है, जिसमें पुरुषों को धोती-सोला एवं बनियान या उपवस्त्र तथा महिलाओं को साड़ी में प्रवेश दिया जाता है, लेकिन तथाकथित संत, वीआईपी, प्रोटोकाल, पुजारी, पुरोहित एवं भक्त सिर पर कपड़ा बांधकर, कुर्ता पहनकर, लुंगी पहनकर एवं साध्वी गाउन पहनकर, महिलाएं साड़ी के अंदर कुर्ते, जींस, टीशर्ट पहनकर गर्भगृह में प्रवेश करती हैं।
गर्भगृह में ये वस्तुएं भी हैं निषेध
गर्भगृह में मौजा, चमड़े का पर्स, बेल्ट, हथियार और मोबाइल सभी वस्तुएं ले जाना निषेध हैं। जबकि कई लोगों को गर्भगृह में इन्हें बे-रोकटोक ले जाते देखा जा सकता है। जब गर्भगृह में मोबाइल कैमरा प्रतिबंधित है तो वहां कई संतों, वीआईपी भक्तों द्वारा फोटो लिए जाते हैं, गर्भगृह को सेल्फी पॉइंट बना दिया गया है।
कर्मचारी-निरीक्षक इसका ध्यान रखें
गर्भगृह में उस समय वहां ड्यूटी पर उपस्थित कर्मचारियों-निरीक्षकों को मर्यादाओं का पालन कराना चाहिए, लेकिन कर्मचारी इससे विमुख हो चुके हैं और परंपराओं और पवित्रता भंग करने वालों को रोकने में असमर्थ दिखाई देते हैं। ऐसा लगता है कि कर्मचारी स्वयं भी परंपरा से अनभिज्ञ हैं, इसे रोका जाना चाहिए। इस आशय का एक पत्र महाकाल सेना राष्ट्रीय धर्म प्रकोष्ठ प्रमुख महेंद्र सिंह बैंस ने प्रशासक महोदय को भेजा है, पत्र में मद्रास हाई कोर्ट द्वारा मंदिर की पवित्रता और मर्यादा बनाए रखने के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य करने का निर्देश दिया है वह भी संज्ञान में लाया गया है, महाकाल सेना मद्रास हाई कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है और मंदिर समिति से आग्रह किया है कि मंदिर को आधुनिकता का पर्याय नहीं बनावे मंदिर की आध्यात्मिकता प्राचीनता बनी रहे। उसका ध्यान रखें एवं गर्भगृह की पवित्रता मर्यादा एवं परंपराओं को सख्ती से पालन करावे और जो मंदिर के गर्भगृह की पवित्रता एवं परंपरा के लिए ड्रेसकोड है उसे सख्ती से लागू कराया जाए।
Published on:
07 Mar 2022 09:45 pm
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