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ब्लॉगर नैना विवाद के बाद महाकाल मंदिर में बदली व्यवस्था, सख्ती बढ़ी-दो बार हो रही चेकिंग

Mahakal Darshan: महाकाल की नगरी उज्जैन जा रहे हैं, तो पहले ध्यान से पढ़ लें ये खबर, मुंबई की ट्रैवल ब्लॉगर विवाद के बाद महाकालेश्वर मंदिर में बदल गई महाकाल दर्शन की व्यवस्था, महिलाओं की चेकिंग के लिए बने कैबिन, पुरुषों को दो बार किया जा रहा चेक...

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Travel Blogger Naina in Mahakal Temple Ujjain Crying Bitterly

Travel Blogger Naina Controversy: तस्वीरों में रोते हुए नजर आई थीं नैना ने महाकाल दर्शन व्यवस्था पर उठाया था सवाल. (फोटो सोर्स: एक्स)

Mahakal Darshan: महाकाल मंदिर परिसर में बीते मंगलवार 27 मई को ट्रैवल ब्लॉगर से हुई अभद्रता का मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ता जा रहा है। इस प्रकरण को लेकर मंदिर प्रशासन और ब्लॉगर के बीच बयानबाजी हो रही है। प्रशासन का कहना है कि ब्लॉगर को विधिवत दर्शन कराए, जबकि ब्लॉगर ने इसे सिरे से नकारते हुए आरोप लगाया हैं कि उन्हें दर्शन नहीं कराए गए। विवाद के बाद मंदिर प्रशासन हरकत में आया और बुधवार को दर्शन व्यवस्था में कई बड़े बदलाव किए। अब पुरुष श्रद्धालुओं की दो बार चेकिंग की जा रही है।

मंदिर में मोबाइल फोन ले जाने पर सख्ती से रोक लगाई जा रही है। विशेष रूप से कार्तिकेय मंडपम, जहां से आम श्रद्धालु दर्शन करते हैं, वहां मोबाइल फोन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। श्रद्धालुओं को प्रवेश से पहले ही अपने मोबाइल जमा कराना अनिवार्य कर दिया गया है और परिसर में अनुशासन का कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है। इतना ही नहीं दो दिन से मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को दर्शनार्थियों से समानपूर्वक व्यवहार की ट्रेनिंग भी कराई जा रही है।

1 करोड़ लोगों ने देखी प्रशासन को लेकर रील

ब्लॉगर अर्पित और नैना द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की रील में मंदिर की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए थे। यह रील अब तक 1 करोड़ से अधिक बार देखी जा चुकी है, जिसमें 42,000 से ज्यादा लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। कई यूजर्स ने कमेंट सेक्शन में महाकाल दर्शन को ’धंधा’ बताते हुए अपने नकारात्मक अनुभव साझा किए हैं। वहीं, कुछ लोगों ने भीड़-भाड़ और अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई है। ब्लॉगर ने मंदिर प्रशासन के दावों को ’खोखला’ बताते हुए पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से मंदिर परिसर में प्रवेश से लेकर बाहर निकलने तक की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने और उचित कार्रवाई की अपील की है। मामले को लेकर श्रद्धालुओं और आम जनता में भी चर्चाओं का दौर जारी है।

250 रुपए की रसीद वालों को मिल रही प्राथमिकता

दर्शन व्यवस्था को लेकर विवाद अब भी जारी है। 250 की त्वरित दर्शन रसीद वाले श्रद्धालुओं को सीधे पहली पंक्ति में दर्शन का अवसर मिल रहा है। पहले यह सुविधा केवल कार्तिक मंडप तक सीमित थी, लेकिन अब रसीदधारी श्रद्धालुओं के लिए अलग लाइन की व्यवस्था कर दी गई है। इससे आम श्रद्धालुओं में भेदभाव की भावना जन्म ले रही है और वे खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

लग रहा ज्यादा समय

मंदिर में मोबाइल प्रतिबंधित होने के कारण श्रद्धालुओं को उन्हें काउंटर पर जमा करना पड़ता है, लेकिन इस व्यवस्था की धीमी गति श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गई है। अहमदाबाद से आए एक दर्शनार्थी ने बताया कि मोबाइल जमा करने और फिर वापस लेने में ही उन्हें लगभग घंटे भर का समय लग गया।

महिलाओं की सुरक्षा जांच में लापरवाही, नहीं बने अलग कैबिन

मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था, खासकर महिलाओं की सुरक्षा जांच को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इनकी चेकिंग खुले स्थान पर की जा रही है, जबकि पुरुषों व महिलाओं की लाइनें अलग होनी चाहिए। महिलाओं के लिए अलग जांच कैबिन नहीं है। इससे महिलाएं असहज व असुरक्षित महसूस कर रही हैं। कुछ महिला श्रद्धालुओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लाखों लोगों के पहुंचने वाले धार्मिक स्थल पर ऐसी मूलभूत व्यवस्थाएं आवश्यक हैं।

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