7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

PAIR Scheme: आइआइटी इंदौर को 100 करोड़ का अनुदान, डीएवीवी को मिलेंगे 30 करोड़ रुपए

IIT Indore: भारत सरकार के नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) ने ‘पार्टनर फॉर एक्सेलरेटेड इनोवेशन एंड रिसर्च योजना (PAIR Scheme) के तहत दिया अनुदान, आइआइटी इंदौर को मिलेंगे 100 करोड़, तो डीएवीवी को मिलेंगे 30 करोड़ रुपए,

2 min read
Google source verification
IIT Indore

IIT Indore (फोटो सोर्स: एक्स)

IIT Indore: देश में तकनीकी शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल की गई है। भारत सरकार के नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) ने ‘पार्टनर फॉर एक्सेलरेटेड इनोवेशन एंड रिसर्च (PAIR Scheme)' आइआइटी इंदौर को 100 करोड़ का अनुदान, डीएवीवी को मिलेंगे 30 करोड़ रुपए। योजना के तहत आइआइटी इंदौर को 100 करोड़ रुपए अनुदान दिया है। यह अनुदान सक्षम नामक एक विशेष नेटवर्क के माध्यम से देश के सात प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर शोध के क्षेत्र में काम करने के लिए दिया है। अगले पांच सालों में इस पहल से 500 रिसर्च पेपर, 125 पेटेंट, 30 स्टार्टअप और 20 नए रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार करने का लक्ष्य है।

आइआइटी इंदौर बनेगा देश का शोध हब

आइआइटी इंदौर को इस नेटवर्क में ‘हब’ की भूमिका दी गई है, जो अन्य संस्थानों के साथ मिलकर तीन बड़े क्षेत्रों—उन्नत तकनीकी सामग्री, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य तकनीकी पर केंद्रित शोध कार्य करेगा। इस नेटवर्क को सक्षम नाम दिया है, जिसमें कुल 56 विभागों के 165 प्रोफेसर और शोधकर्ता मिलकर काम करेंगे।

एमपी के तीन संस्थान भी साझेदार

इस नेटवर्क में मध्यप्रदेश के तीन प्रमुख विश्वविद्यालय देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन और ट्रिपल आइटी भोपाल भी शामिल हैं। इनके अलावा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, एनआइटी कुरुक्षेत्र (हरियाणा) और आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय (महाराष्ट्र) को भी शोध कार्य में जोड़ा गया है।

आइआइटी रखेगा 30 करोड़, बाकी बांटेगा

100 करोड़ रुपए की इस ग्रांट में से 30 करोड़ आइआइटी इंदौर अपने रिसर्च के लिए उपयोग करेगा, जबकि शेष 70 करोड़ रुपए अन्य साझेदार संस्थानों के प्रोजेक्ट्स में वितरित किए जाएंगे। डीएवीवी ने अपने हिस्से के लिए 30 रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार किए हैं, जिन पर करीब 24.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने कहा, यह अनुदान न केवल भारत की शोध शक्ति को बढ़ाएगा बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए भी भारतीय संस्थानों को तैयार करेगा।

डीएवीवी के 45 शिक्षक जुड़ेंगे शोध में

डीएवीवी की ओर से तैयार किए रिसर्च प्रोजेक्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर इंजीनियरिंग और हेल्थ टेक्नोलॉजी जैसे आधुनिक विषयों पर केंद्रित हैं। यहां के 45 शिक्षक इस रिसर्च में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। आइआइटी इंदौर के विशेषज्ञ प्रोफेसर डीएवीवी के शिक्षकों को मार्गदर्शन देंगे और उन्हें अपनी आधुनिक लैब्स में शोध की सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे।

स्टार्टअप, ट्रेनिंग और संसाधन साझा करने पर जोर

सक्षम नेटवर्क केवल शोध तक सीमित नहीं रहेगा। इसका उद्देश्य है छोटे और उभरते संस्थानों को भी आइआइटी जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ जोड़कर संसाधन साझा करना, मेंटरशिप देना और शोध के लिए आवश्यक ढांचे को मजबूत बनाना। यह पहल नई शिक्षा नीति 2020 की सोच के अनुरूप है, जिसमें सहयोगात्मक और व्यावहारिक शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

डीएवीवी ने तैयार किए 30 प्रोजेक्ट

डीएवीवी ने 30 प्रोजेक्ट तैयार किए हैं और अब शोध ही विश्वविद्यालय के विकास की प्राथमिकता बन गया है। यह साझेदारी भविष्य को नई दिशा देगी।

-प्रो. राकेश सिंघई,कुलगुरु, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर