24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

video कार्तिक मास में दूसरी बार नगर भ्रमण पर शान से निकले महाकाल

भगवान महाकाल की दूसरी सवारी बड़े शानो-शौकत के साथ सोमवार को शहर में निकली। रास्ते भर भोले के जयकारे और भजन कीर्तन होता रहा।

2 min read
Google source verification
patrika

shipra river,ramghat,mahakal darshan,mahakal palki yatra,

उज्जैन. कार्तिक मास में भगवान महाकाल की दूसरी सवारी बड़े शानो-शौकत के साथ सोमवार को शहर में निकली। रास्ते भर भोले के जयकारे और भजन कीर्तन होता रहा। सभामंडप में महाकाल के स्वरूप चांदी के मुघौटे का पूजन किया। पूजन के बाद शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से सवारी शुरू हुई।

ढोल-मंजीरों से महाकाल का कीर्तन
कार्तिक एवं अगहन मास में प्रतिवर्ष निकाली जाने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को राजाधिराज महाकाल की दूसरी सवारी धूमधाम से निकली। ढोल-ढमाकों और जयकारों के साथ भगवान महाकाल चांदी की पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले तो भक्तों ने अपने आराध्यदेव के दर्शन किए।

मुख्य द्वार पर गार्ड ऑफ ऑनर
सवारी निकालने के पहले महाकाल मंदिर के सभा मंडप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया गया। पं. घनश्याम शर्मा ने यह पूजन संपन्न कराया। मंदिर के मुख्य द्वार पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सवारी महाकाल मंदिर से चली और गुदरी, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची, जहां तीनों लोकों के नाथ का शिप्रा के पावन जल से अभिषेक कर आरती उतारी गई। इसके बाद सवारी आगे के लिए बढ़ी।

यह रहा सवारी मार्ग
गंधर्व घाट, गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, ढाबा रोड, टंकी चौक, गोपाल मंदिर, छत्री चौक, पटनी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंची। सवारी के साथ घुड़सवार दल, पुलिस बल, नगर सैनिक, विशेष सशस्त्र बल की टुकडिय़ां, पुलिस बैंड और भक्तों की टोलियां शामिल हुईं। कार्तिक-अगहन मास की सवारियों के क्रम में अगली सवारी ६ नवंबर को निकाली जाएगी। सवारी में घुड़सवार दल, सशस्त्र जवान, झांझ-मंजीरे बजाते मंडली के साथ भक्तजन निकले। वहीं चांदी की पालकी में बाबा महाकाल ने पूरे सवारी मार्ग में भक्तों को दर्शन दिए।

महाकाल में रामायण चौपाइयों से होगा हवन
महाकाल मंदिर में देव दिवाली के अवसर पर ३१ अक्टूबर को 24 घंटे रामायण की चौपाइयों के साथ हवन किया जाएगा। अनुष्ठान हिंदू वीर सपूतों की आत्मशांति के लिए महाकाल नव निर्माण समिति द्वारा किया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष रितेश गुरु, सचिव भरत जोशी ने बताया यज्ञ अनुष्ठान जूना महाकाल के प्रांगण में आचार्य सहित 21 पंडितों द्वारा किया जाएगा। 31 अक्टूबर की दोपहर 12.15 बजे 1 नवंबर की दोपहर 12.15 तक चलने वाले अनुष्ठान में पंडितों द्वारा रामायण की सात कांडों की प्रत्येक चौपाइयों के साथ आहुतियां डाली जाएंगी।