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महाकाल के दर्शन के लिए सबसे खास सात दिन, नोट कर लें तारीख

mahakal महाकाल के भक्तों के लिए अब विशेष मौका आ रहा है।

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Mahakal Sawan 2024 Mahakal Sawari Sawan Mahakal Sawari 2024 Time table महाकाल के दर्शन के लिए देश विदेश से रोज लाखों लोग उज्जैन आते हैं। महाकाल के ऐसे भक्तों के लिए अब विशेष मौका आ रहा है। सावन में शिवपूजा का विशेष महत्व है और इसमें भी सोमवार के दिन शिवजी के दर्शन पूजन को सबसे ज्यादा फलदायक बताया गया है। उज्जैन में सावन और भादौ माह के सोमवार को महाकाल की शाही सवारी भी निकाली जाती है। इस बार पहला सावन सोमवार 22 जुलाई को है और इसी दिन से महाकाल की सावन भादौ की सवारी Mahakal Sawari 2024 शुरू हो रही है।

सावन माह में महाकाल की 5 सवारी और भादौ माह में 2 सवारी निकलेंगी। महाकाल के दर्शन और पूजन के लिए ये सात दिन अहम रहेंगे। पहली सवारी 22 जुलाई को और आखिरी शाही सवारी 2 सितंबर को निकलेगी।

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महाकाल की पूजा के लिए सबसे अहम सात दिन
सावन-भादौ मास की सवारियों के क्रम में सावन माह की पहली सवारी सोमवार 22 जुलाई, दूसरी सवारी सोमवार 29 जुलाई, तीसरी सवारी सोमवार 5 अगस्त, चौथी सवारी सोमवार 12 अगस्त, पांचवी सवारी सोमवार 19 अगस्त को निकाली जाएगी। छठवीं सवारी भादौ मास में सोमवार 26 अगस्त और सातवीं व अंतिम शाही सवारी सोमवार 2 सितम्बर को निकाली जाएगी। सवारी के रूप में महाकाल के विशेष दर्शन के लिए सावन के पांच और भादौ के दो दिन यानि कुल सात दिन मिलेंगे।

उज्जैन में हर साल सावन Sawan में बाबा महाकाल की शाही सवारी Mahakal Sawari निकाली जाती है। इसमें बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने पालकी पर सवार होकर भ्रमण करते हैं।

महाकाल सवारी के संबंध में कलेक्टर और महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने बैठक ली। सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सांसद संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज, महापौर मुकेश टटवाल सहित मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य इसमें शामिल हुए।

सांसद अनिल फिरोजिया ने ट्रैक्टर में सवारी निकालने का सुझाव दिया। राज्यसभा सांसद उज्जैन के संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने महाकाल की पालकी बैलगाड़ी पर रखने की बात कही। प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप गुरु ने महाकाल को राजशाही प्रोटोकाल मिलने की जरूरत जताई।

इन रास्तों से गुजरेंगे महाकाल
श्री महाकालेश्वर की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल लोक, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां से वापसी में सवारी रामानुज कोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हए श्री महाकालेश्वर मंदिर आएगी।