उज्जैन. महाकाल मंदिर धर्मस्थल की बजाए नोट छापने की टकसाल बनकर रह गया है। दर्शनार्थियों को हर सुविधा नि:शुल्क या न्यूनतम शुल्क में उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन महाकाल मंदिर प्रशासन ने प्रसाद, दर्शन, धर्मशाला से लेकर सभी चीजें महंगी कर दी हैं। यह बात अखिल भारतीय मंदिर मठ सनातन धर्म मोर्चा की ओर से महाकाल मंदिर प्रशासक आरपी तिवारी को ज्ञापन सौंपकर कही गई।