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महाकाल के शिखर से ऊंची नहीं होगी कोई इमारत, बदल जाएगा आसपास का क्षेत्र

locationउज्जैनPublished: Sep 03, 2020 03:46:39 pm

Submitted by:

Manish Gite

50 साल में महाकाल क्षेत्र होगा और विकसित, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर आने वाले दिनों में मंदिर के आसपास भी आएगा नजर…>

200 employees to manage the facility center of Mahakal temple

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उज्जैन. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर आने वाले दिनों में नजर आएगा। फैसले के तहत न सिर्फ बाबा महाकाल ज्योतिर्लिंग के क्षरण रोकने पर फोकस होगा, बल्कि मंदिर के सामने व आसपास के 500 मीटर दायरे में आने वाले मकान, दुकान तथा अन्य अतिक्रमण को हटाया जाएगा। इसके लिए कोर्ट ने समय सीमा भी तय की है। सरकार की अनुमति के बिना यहां कोई नया निर्माण नहीं होगा। शिखर से ऊंची कोई इमारत नहीं होगी। अगले 50 साल के लिए पूरा क्षेत्र सुरक्षित और विकसित किया जाएगा।

 

सुप्रीम कोर्ट ने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भस्म और अन्य लेपन से हो रहे प्रभाव पर कुछ दिशा निर्देश पहले भी दिए थे। बाद में चर्चा होने पर कोर्ट ने अपना आदेश ये कहते हुए संशोधित किया था कि पूजा अर्चना और सेवा भोग कैसा हो ये तय करना हमारा काम नहीं है। ये तो मंदिर प्रबंधन और पुरोहित-पुजारियों को ही तय करने दिया जाए। अब 1 सितंबर को मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने मंदिर प्रबंधन को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें भक्तों के प्रवेश और अन्य उपचार को लेकर विस्तार से निर्देश दिए हैं।

 

 

विशेषज्ञों की टीम करेगी दौरा

रुड़की स्थित संस्थान के विशेषज्ञों की टीम मंदिर का दौरा कर रिपोर्ट देगी, जिसमें व्यवस्था को और ज्यादा उपयोगी और सुरक्षित बनाने के सुझाव भी हो सकते हैं। कोर्ट ने अगले छह महीनों में रूद्रसागर प्रोजेक्ट के इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट फेज एक और दो के बारे में उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड से प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तलब की है।

 

हटेंगे कब्जे व अवैध निर्माण

कोर्ट ने उज्जैन के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मंदिर परिसर के 500 मीटर दायरे में किसी भी अवैध निर्माण या कब्जे को तुरंत हटाने और 15 दिसंबर तक रिपोर्ट देने की बात कही है। मंदिर परिसर के अंदर आधुनिक सुविधाओं के नाम पर किए गए निर्माण को भी विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर फौरन ध्वस्त किया जाएगा।

https://youtu.be/dwNWOXTBLLY
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