
मंत्री के प्रतिनिधि का अस्पताल पर कब्जा! रुपए लेकर बेड दिलाने का आरोप, प्रभारी डॉक्टर को व्यवस्था सुधारना पड़ा भारी
उज्जैन/ मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित माधवनगर अस्पताल को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के प्रतिनिधि अभय विश्वकर्मा ने कब्जा कर रखा है। आरोप के मुताबिक, वो कोरोना संक्रमित मरीज के परिजन से रुपए लेकर उन्हीं को अस्पताल में बेड दिला देता था। कुछ दिन पहले अस्पताल का प्रभार संभालने आए डॉक्टर ने यहां की व्यवस्थाओं में सुधारने का प्रयास किया, जिसके बाद से उन्हें खासा परेशान होना पड़ा। आखिरकार उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराते हुए ट्रांसफर की मांग कर दी। इसपर, अफसरों की मजबूरी की इंतेहा देखिये, कि नेता के खिलाफ जांच और एक्शन लेने के बजाय उन्होंने प्रभारी डॉक्टर को ट्रांसफर करने में ही भलाई समझी। आरोप के मुताबिक, प्रतिनिधि अभय विश्वकर्मा के साथ अस्पताल का स्टाफ भी मिला हुआ है।
प्रतिनिधि की सफाई, कांग्रेस की मांग
इस पूरे मामले का खुलासा हुआ प्रभारी डॉक्टर के एक सोशल मीडिया चैट से। जिसके बाद से ही मामला प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। खुद पर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए मंत्री के प्रतिनिधि अभय विश्वकर्मा का कहना है कि, मुझपर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने मामले को लेकर प्रतिनिधि ही नहीं, बल्कि उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव तक से तत्काल इस्तीफा देने की मांग कर दी है।
वॉट्सएप चैट बना प्रतिनिधि की मुसीबत
ये बात तो हम सभी जानते हैं कि, देशभर के साथ साथ मध्य प्रदेश में कोरोना से हो रही मरीजों की मौतों की बड़ी वजह ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड की कमी रही है। पहले भी कई बार ऊंची पहुंच रखने वालों को सरकारी अस्पतालों में पैसे देकर ICU से लेकर सामान्य बेड तक की व्यवस्था मिलने की खबर सामने आ चुकी हैं। उज्जैन के माधवनगर कोविड अस्पताल के जरिये कैबिनेट मंत्री मोहन यादव के प्रतिनिधि पर इस तरह का आरोप लगना काफी गंभीर माना जा रहा है। प्रभारी रहे डॉ.संजीव कुमरावत ने कहा कि, अभय ने अस्पताल को हाईजेक कर रखा है। अभय गैर कानूनी तरीके से अस्पताल के बेड पर कब्जा करता है। इन बातों से तंग आकर डॉ कुमरावत ने माधवनगर अस्पताल का जिम्मा संभाले नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल से अपना ट्रांसफर नागदा करने की गुहार सोशल मीडिया चैट पर कर दी। इन दिनों यही चैट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
काम बंद होने से हो गया था परेशान
सोशल मीडिया पर चैट वायरल होने के बाद मीडिया से चर्चा में डॉ कुमरावत ने कहा कि, 'मैं पिछले 25 दिन माधवनगर अस्पताल प्रभारी रहा। सबसे पहले यहां की बिगड़ी व्यवस्थाओं को सुधारने के लिये यहां मरीजों को टोकन सिस्टम की व्यवस्था शुरु की। अभय को ये व्यवस्था रास नहीं आई। क्योंकि, ऐसा करने से उसका काम बंद हो गया था। इस बीच अधिकारियों को इस बात से अवगत करा दिया था। इसके बाद अधिकारियों ने कुछ समय के लिए माधवनगर अस्पताल से अभय को प्रतिबंधित कर दिया था। लगातार अनियमितता की शिकायत मेरे पास आई और इसके सबूत भी मेने जुटाए। माधवनगर अस्पताल में ICU के डीलक्स रूम भी है। अभय द्वारा लाए गए मरीज जिनकी ऑक्सीजन 94 या 95 होती थी, वो ICU में भर्ती किये जाते थे। वहीं कम ऑक्सीजन वालों को पलंग के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी। डॉ कुमरावत के आरोप के मुताबिक, अस्पताल का कुछ स्टाफ भी उससे मिला हुआ है। यही वजह थी कि, उसे हमेशा पता रहता है कि, किस जगह कितने बेड खाली हुए हैं।
Published on:
08 May 2021 09:21 pm
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