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महाकाल मंदिर पुजारी के मोबाइल से आया मैसेज: पैसा मेरे खाते में ट्रांसफर कर दो

पुजारी फोन मालिक की डीपी बनाकर एक हजार लोगों को मैसेज फारवर्ड कर दिया, सायबर सेल ने की मदद, राजस्थान के आइपीएस भी खोज रहे फ्रॉड को

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राजस्थान के आइपीएस भी खोज रहे फ्रॉड को

उज्जैन. लोगों को ठगने के लिए साइबर फ्रॉड के नए नए तरीके अपना रहे हैं। इसके लिए महाकाल मंदिर के नाम का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। बदमाशों ने महाकाल मंदिर के एक पुजारी का मोबाइल हैक कर लिया। इसके बाद 50 से ज्यादा लोगों को मैसेज में लिखा कि मुझे कुछ रुपए की जरूरत है, मैं मोबाइल नंबर दे रहा हूं और साथ में खाता नंबर भी इन पर ट्रांसफर कर दो। कल शाम तक लौटा दूंगा। मामले में जानकारी लगते ही पुजारी ने महाकाल थाने में शिकायत की है।

टीआइ मुनेन्द्र गौतम ने बताया कि महाकाल मंदिर के पुजारी संजय शर्मा का सायबर ठगों ने मोबाइल हैक कर लिया और सारा डाटा डिलीट कर दिया। बाद में पता चला कि मोबाइल नंबर 9144867502 और 7978513401 से संजय पुजारी का फोटो डीपी पर लगाकर करीब 50 लोगों को मैसेज भेजा गया था, साथ में केनरा बैंक का खाता नंबर 1101097100 दिया जिस पर रुपए ट्रांसफर करने को कहा था।

महाकाल मंदिर के पुजारी संजय शर्मा ने बताया कि बुधवार रात करीब 8 बजे करीब किसी का फोन आया था, रिसीव किया तो आवाज नहीं आई। थोड़ी देर बाद पता चला मोबाइल का डाटा डिलीट हो गया, जिसमें करीब 6 से 7 हजार फोटो और वीडियो थे। इस बीच छोटे भाई आशीष पुजारी का फोन आया कि भैया रुपए क्यों मांग रहे हैं और दूसरी सिम ली है क्या। मैंने देखा तो पता चला कि मेरी डीपी बनाकर करीब एक हजार लोगों को मैसेज भेजा गया है, जिसमें रुपए मांगे जा रहे हैं।

इसके बाद वे छोटे भाई के साथ तुरंत महाकाल थाने पहुंचे, थाना पुलिस ने तुरंत सायबर पुलिस को सूचना दी। इस पर हरेन्द्र प्रतापसिंह ने मदद करते हुए साइबर ठग की तलाश शुरू कर दी। बाद में पता चला कि उक्त खाता नंबर कैनरा बैंक का है जो अलवर मेवात (राजस्थान) का है। इसी बीच उन्होंने अपने एक जजमान आइपीएस अधिकारी संजय श्रीवास्तव को फोन लगाया जोकि जयपुर में कमिश्नर रह चुके हैं। उन्होंने भी बदमाश की तलाश शुरू कर की। पता चला कि मोबाइल नंबर असम के हैं और खाता अलवर में कोई बनवारी नामक युवक का है।

हालांकि पुजारी के मोबाइल से जिन लोगों को भी मैसेज भेजा गया था उनमें से किसी ने भी उक्त मोबाइल और खाते पर रुपए ट्रांसफर नहीं किए। ऐसे में लोगों के साथ वे भी धोखाधड़ी से बच गए।