
जिले में कुछ सीटों पर दिलचस्प माहौल बन रहा है। तराना में महेश परमार के सामने महेश परमार खड़े हो गए हैं तो महिदपुर में बहादुरसिंह को बहादुरसिंह की चुनौती मिल गई है। महिदपुर में ही एक और रोचक स्थिति यह भी बनी है कि पति दिनेश जैन बोस कांग्रेस से मैदान में उतरे हैं तो इसी सीट पर उनकी पत्नी मधु जैन ने निर्दलीय शंखनाद किया है। हालांकि अभी नाम वापसी का समय शेष है। तराना विधानसभा सीट पर विधायक महेश परमार ने कांग्रेस से नामांकन दाखिल किया है। उन्हीं के नाम राशि के एक अन्य अभ्यर्थी महेश परमार ने भी निर्दलीय आवेदन जमा कर दिया है। इससे मतदाताओं के सामने एक ही नाम के दो प्रत्याशी खड़े हो गए हैं। इसी तरह महिदपुर में विधायक बहादुरसिंह चौहान ने भाजपा से नामांकन जमा किया है।
समान नाम के अन्य अभ्यर्थी बहादुरसिंह ने निर्दलीय आवेदन जमा कर यहां के मतदाताओं के सामने भी एक ही नाम के दो प्रत्याशी की स्थिति बना दी है। एक महेश करोड़पति, दूसरे लखपति तराना में कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार और निर्दलीय महेश परमार नाम ही समान है, बाकी कई अंतर हैं। कांग्रेस के महेश व उनके परिवार के पास 2.5 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति है। पांच साल में उन्होंने 1.77 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की। उनके हाथ में 4.35 लाख से ज्यादा नगद है। इसके विपरीत निर्दलीय प्रत्याशी महेश परमार और परिवार के पास करीब 4.40 लाख की संपत्ति है। उनके हाथ में 500 रु. नकद हैं। महिदपुर में भाजपा के बहादुरसिंह करोड़पति हैं वहीं, निर्दलीय बहादुरसिंह के पास 11 लाख से अधिक चल-अचल संपत्ति है।
भ्रमित करने चलते थे समान नाम की चाल!
एक विधानसभा में समान नाम के दो या इससे अधिक प्रत्याशी होना जहां संयोग है वहीं, पूर्व के कई मामलों में राजनीतिक चाल भी माना गया है। जानकारों के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व तक चुनावों में प्रतिद्वंदी के वोट काटने के लिए यह सबसे सरल और प्रचलित तरकीब थी। एक ही नाम के दो-तीन प्रत्याशी मैदान में होने से कई मतदाता भ्रमित हो जाते थे और पार्टी के प्रत्याशी की जगह अन्य को वोट डाल देते थे।
दरबार के सामने दरबार लड़े थे
विधानसभा 2013 के चुनाव में दक्षिण सीट से कांग्रेस ने जयसिंह दरबार को प्रत्याशी बनाया था। तब जयसिंह दरबार नाम का एक और अभ्यर्थी निर्दलीय चुनाव लड़ा। उसे 313 वोट मिले और जमान जब्त हुई। 2018 के चुनाव में तराना सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार थे। वहीं एक अन्य महेश परमार पिता रतनलाल निर्दलीय चुनाव लड़े थे। 402 वोट मिले और जमानत जब्त हुई थी। इस बार तराना में महेश परमार नाम के दो प्रत्याशी हैं।
परेशानी होती तो जैन की पत्नी लड़ती चुनाव
दिनेश जैन बोस ने महिदपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नामांकन जमा किया है। क्षेत्र में अचरज की स्थिति तब बनी जब, उनकी पत्नी मधु जैन ने भी इसी सीट से निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। शुरुआत में कई लोगों को लगा कि पति व पत्नी के बीच चुनावी मुकाबला होगा लेकिन सिर्फ सीट सुरक्षित करने का राजनीतिक तरीका है। दरअसल दिनेश जैन पर अवैध उत्खनन का प्रकरण है। इस वजह से यदि नामांकन मान्य नहीं होता तो, चुनाव में सीट से उनका प्रतिनिधित्व खत्म हो जाता। ऐसी स्थिति से बचने के लिए विकल्प के रूप में पत्नी का नामांकन जमा किया गया। संभव है वे 2 अक्टूबर को नाम वापस ले लें।
Updated on:
01 Nov 2023 01:13 pm
Published on:
01 Nov 2023 01:02 pm
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