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करवा चौथ आज:  तुम्हीं मेरे मंदिर…तुम्हीं मेरी पूजा….

Ujjain News: यह मेरा पहला करवा चौथ है। मैंने इसके लिए खास तैयारी की है। भरेपूरे परिवार की बहू होने के नाते मैं अपने घर की सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए आज यह पहला व्रत अपने पति के लिए रखूंगी।

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 my first karwa chauth pujan

Ujjain News: यह मेरा पहला करवा चौथ है। मैंने इसके लिए खास तैयारी की है। भरेपूरे परिवार की बहू होने के नाते मैं अपने घर की सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए आज यह पहला व्रत अपने पति के लिए रखूंगी।

उज्जैन. यह मेरा पहला करवा चौथ है। मैंने इसके लिए खास तैयारी की है। भरेपूरे परिवार की बहू होने के नाते मैं अपने घर की सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए आज यह पहला व्रत अपने पति के लिए रखूंगी। बहुत खुशी हो रही कि मैं अपने चांद के लिए यह व्रत कर रही हूं। यह कहना है नानाखेड़ा निवासी सरिता काबरा का, जिन्होंने अपने पति अखिलेश के लिए पहला व्रत रखने का संकल्प लिया है।

पति के प्रति समर्पण की भावना वाला खास व्रत
महिलाएं सारा दिन निर्जल रहकर पति की लंबी आयु के लिए मांगेंगी वरदान, मन की एकाग्रता तथा पति के प्रति समर्पण की भावना देने वाला यह खास व्रत गुरुवार को मनाया जाएगा। यह दिन पति-पत्नी दोनों के लिए खास है। महिलाएं सारा दिन भूखी-प्यासी रहकर पति की लंबी आयु के लिए चौथ माता से वरदान मांगेंगी और चांद की पूजा के बाद उनके हाथ से पानी पीकर ही व्रत खोलेंगी।

पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आती है

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला के अनुसार इस दिन चंद्रमा को सुगंधित जल, अबीर, श्वेत पुष्प एवं चांदी के पात्र से दुग्ध अघ्र्य प्रदान करना चाहिए। ऐसा करने पर कुंडली से चंद्र की विकृतियां दूर होती हैं, मानसिक विकारों का शमन होता है। पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आती है।

शहर में एकमात्र मंदिर है चौथ माता का
महाकाल मंदिर प्रांगण में स्थित शहर का एकमात्र चौथ माता का मंदिर है। इस दिन इनके दर्शन और पूजन का विशेष महत्व है। चौथ माता की पूजन का संकल्प इस दिन करना चाहिए। देवी पुराण के अनुसार चौथ माता पूजन से प्रसन्न होकर संतान व पति को दीर्घायु प्रदान करती हैं।

कब उदय होगा चंद्रमा
करवा चौथ वाली रात हर महिला को चंद्रमा के उदय होने का बेसब्री से इंतजार रहता है। पं. अमर डिब्बावाला के अनुसार गुरुवार रात 8.27 बजे चंद्रोदय होगा। चंद्रमा की पूजन के लिए ओम सोम सोमाय नम: या ओम श्राम श्रीम श्रोम सह सोमाय नम: मंत्र के माध्यम से 108 बार बोलते हुए चंद्र को उदित क्रम से अघ्र्य दें। साथ ही चंद्रमा से अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।