शहर में 17 सीबीएसई स्कूल है, जिनकी बसें संचालित होती है इनमें 9 हजार के करीब विद्यार्थी परिवहन करते हैं। साल 2015 में तत्कालीन कलेक्टर कवींद्र कियावत ने शुल्क निर्धारित कराया था, जो 400 रुपए से लेकर 650 तक है। लेकिन तभी से स्कूल प्रबंधन इससे सहमत नहीं है। उनका तर्क है कि हमसे पूछे बगैर ही प्रशासन ने रेट लागू कर दिए। सभी स्कूल प्रबंधन व बस संचालक शनिवार को किराए पर चर्चा करेंगे और सभी एकरूपता के साथ बस किराया लेंगे। स्कूल बस किराए पर अंतिम निर्णय कलेक्टर की अध्यक्षता वाली शुल्क निर्धारण कमेटी को लेना है।