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500 रूपए स्कूल बस फीस से संतुष्ट नहीं ऑपरेटर, अब लेंगे इतने पैसे

किराया बढ़ाने के लिए स्कूल बस ऑपरेंटर बैठक, 5 किलोमीटर का न्यूनतम किराया 700 रूपए करने का प्रस्ताव बनाया, पालकों पर बढ़ेगा बोझ 

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Rishi Sharma

Jul 30, 2017

Not satisfied with 500 rupees school bus fees oper

Not satisfied with 500 rupees school bus fees operator, Now so much money

उज्जैन. स्कूल बस ऑपरेटरों की बैठक शनिवार दोपहर ज्ञानसागर स्कूल में हुई। इसमें स्कूल बस किराए पर चर्चा हुई और पुराने किराए पर असंतोष जताते हुए ऑपरेटरों ने किराए का नया स्लैब बनाया। स्कूल बस ऑपरेटर प्रति विद्यार्थी न्यूनतम किराया 700 रुपए की मांग कर रहे हैं। यह किराया शून्य से पांच किमी तक रहेगा। इसके बाद किराया बढ़ जाएगा। बैठक में स्लैब के इस प्रस्ताव पर मुहर लगवाने के बाद इसे आरटीओ को भेजा जाएगा। यहां के बाद यह कलेक्टर के पास जाएगा। अगर प्रस्ताव पर मुहर लगी। तो एक बार फिर पालक अपनी जेब ढीली करने के लिए तैयार रहे।

मौजूदा किराए असमत है बस ऑपरेटर
स्कूल बस किराए के प्रशासन की ओर से निर्धारित स्लैब से स्कूल संचालक असहमत हैं। उनका तर्क है कि प्रथम 5 किमी का 400 रुपए किराया अव्यवहारिक है। इतने कम किराए में बस संचालन संभव ही नहीं है। बस खर्च, डीजल, ड्राइवर व अन्य खर्चों की लागत निकाल संचालक अपनी ओर से स्लैब बनाकर आरटीओ को प्रस्तुत करेंगे।
9 हजार विद्यार्थी सफर करते स्कूल बस में
शहर में 17 सीबीएसई स्कूल है, जिनकी बसें संचालित होती है इनमें 9 हजार के करीब विद्यार्थी परिवहन करते हैं। साल 2015 में तत्कालीन कलेक्टर कवींद्र कियावत ने शुल्क निर्धारित कराया था, जो 400 रुपए से लेकर 650 तक है। लेकिन तभी से स्कूल प्रबंधन इससे सहमत नहीं है। उनका तर्क है कि हमसे पूछे बगैर ही प्रशासन ने रेट लागू कर दिए। सभी स्कूल प्रबंधन व बस संचालक शनिवार को किराए पर चर्चा करेंगे और सभी एकरूपता के साथ बस किराया लेंगे। स्कूल बस किराए पर अंतिम निर्णय कलेक्टर की अध्यक्षता वाली शुल्क निर्धारण कमेटी को लेना है।
यह है बस ऑपरेटर की मांग
स्कूल संचालकों से हुई चर्चा में उन्होंने बताया कि न्यूनतम किराया 700 रुपए होना चाहिए। फिर 5 किमी से अधिक पर 800 व 10 किमी से अधिक पर 900 रुपए तक किराया निर्धारित हो। बसों का इंश्यूरेंस, टैक्स व अन्य महंगे खर्चों के कारण कम किराए में संचालन नहीं हो सकता। हालांकि प्रशासन पूरी तरह इनकी बात से सहमत हो यह जरूरी नहीं, क्योंकि बस सेवा विद्यार्थियों की सुविधा के लिए होती है आय के लिए नहीं।