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उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेजों की संबद्धता और निरंतरता फीस पर १८ प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। इसके लिए विवि की तरफ से कॉलेजों को पत्र जारी कर दिया है और फीस को जीएसटी के साथ जमा करने के निर्देश दिए हैं। इस सूचना के बाद एक बार फिर कॉलेज प्रबंधनों में हड़कंप है, क्योंकि १८ प्रतिशत फीस बढऩे से उन पर फिर बोझ बढ़ जाएगा। दूसरी तरफ नई उलझन खड़ी हो गई है कि कॉलेजों से ली जाने वाली फीस पर कभी भी कोई टैक्स नहीं लिया गया। अब यह फीस किस नियम के तहत जीएसटी के दायरे में आई है। यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है। विवि की तरफ से भारत सरकार के नियमों का हवाला दिया गया है।
लगातार चल रहा कॉलेज व विवि में विवाद
संबद्धता व निरंतरता फीस को लेकर कॉलेज प्रबंधन व विश्वविद्यालय में लगातार विवाद जारी है। कॉलेजों पर लाखों रुपए बकाया है। इसके लिए निजी एजेंसी से ऑडिट करवाया जा रहा है। इस ऑडिट में निजी कॉलेज नियमों के विरुद्ध फीस बढ़ाने और गड़बड़ी की बात कर रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन ने उच्च शिक्षा विभाग व राजभवन शिकायत की। साथ ही न्यायालय में भी याचिका दायर कर दी है। अब शिक्षा क्षेत्र में जीएसटी लगा दिया है। इसे लेकर भी उलझन है।
क्या है संबद्धता व निरंतरता
विक्रम विश्वविद्यालय अपने अधीन संचालित सभी शासकीय व निजी कॉलेजों से प्रति वर्ष कोर्स के हिसाब संचालित करने के लिए फीस लेता है। कॉलेज जब पहली बार कोर्स शुरू करता है तो संबद्धता शुल्क १ लाख रु. व संबंधित कोर्स का शुल्क लिया जाता है। इसके बाद प्रतिवर्ष संबंधित कोर्स का शुल्क जमा करना होता है, जो निरंतरता शुल्क कहलाता है। यह फीस प्रति पाठ्यक्रम अलग-अलग तय है।
यह है कॉलेजों की फीस
बीए, बीकॉम, बीएससी, बीएचएससी, बी.लिब, बीएसडब्ल्यू
१६५०००
बीबीए, बीबीए ऑनर्स, बीकॉम ऑनर्स, बीसीए, बीपीटी, बीपीएड, बीएड १९२५००
एमबीबीएस, बीएएमएस, बीएससी नर्सिंग, बीएचएमएस, बीयूएमएमस ३३००००
बीए एलएलबी - १६५०००
एमए, एमकॉम, एमएससी, एमलिब, एमएमडब्ल्यू २२००००
बीसीए - ८५०००
Published on:
19 May 2018 08:01 am
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