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कुलपति और विद्यार्थियों के बीच में क्यों आई पुलिस, छावनी बना विवि

मूल्यांकन गड़बड़ी, परीक्षा देने वालों को अनुपस्थित दर्शाने पर ज्ञापन देने पहुंचे, प्रशासनिक भवन में की नारेबाजी  

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कुलपति और विद्यार्थियों के बीच में क्यों आई पुलिस, छावनी बना विवि

उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में मूल्यांकन गड़बड़ी और परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को अनुपस्थित बताने, विद्यार्थियों को एक जैसे नंबर मिलने जैसी तमाम समस्याओं को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के सदस्य शुक्रवार दोपहर राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने पहुंचे। विद्यार्थियों के आने की सूचना विवि प्रशासन को मिली तो उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद पुलिस ने विवि प्रशासनिक भवन को छावनी बना दिया। जब विद्यार्थी ज्ञापन देने पहुंचे तो स्थिति यह बनी कि एक विद्यार्थी पर दो पुलिस जवान पूरी तैयारी के साथ तैनात हो गए। हाथ में लाठी, सिर पर हेलमेट और शरीर पर पीठू पहने हुए थे।

इनकी संख्या करीब 50 थी। यह देख विद्यार्थी सहम गए। चंद विद्यार्थियों के अलावा किसी ने नारेबाजी में साथ भी नहीं दिया। विद्यार्थियों के बुलाने पर प्रभारी कुलसचिव डीके बग्गा विद्यार्थियों से चर्चा करने पहुंचे और ज्ञापन लिया। ज्ञापन देने वालों के एनएसयूआइ के आयुष शुक्ला, नीलेश मेहरा, पलकेश सोनी, भूपेन्द्र सिंह, लखन चौहान, भावेश मेहर, सौरभ यादव, अंकित लालावत, अमन रघुवंशी, कृष्णपाल सिंह राजपूत, निहार शाह, रवि कंडारिया, शंकर बना, मुकुल घुरैया विष्णु चौहान आदि उपस्थित रहे।

बुलाने पर भी नहीं दिखाई मार्कशीट

ज्ञापन देने के लिए पहुंचे आम विद्यार्थी पुलिस को देखकर काफी डर गए। एनएसयूआइ के प्रमुख पदाधिकारियों ने विद्यार्थियों को आगे आकर अपनी मार्कशीट दिखाने के लिए कहा, लेकिन कई बार बुलाने पर कोई भी विद्यार्थी आगे नहीं आया। बता दें, विक्रम विवि प्रशासनिक भवन में एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष व प्रदेश महासचिव को अकारण जमकर पीट डाला। यह मामला काफी विवादों में रहा।

भय में है विवि प्रशासन
विक्रम विवि प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार से संंबंधित कई जांच लंबित है। हाईकोर्ट से किताब खरीदी की जांच के लिए राजभवन व उच्च शिक्षा विभाग को ३० दिन का आदेश दिया है। इसी के साथ कैम्पस में लगातार रहस्मय ढंग से चोरी व अन्य घटना हो रही है। विद्यार्थी भी अपनी समस्याओं को लेकर लगातार परेशान है।