प्याज फेंकने को मजबूर हो गए थे किसान.....
उज्जैन। सितंबर माह के दूसरे सप्ताह से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक प्याज फेंकने की खबरों ने बाजार गर्म कर दिया, लेकिन अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में एक्सपोर्ट के चलते प्याज के भाव सुधरे और किसानों के चेहरे पर खुशी छलक आई। अब जब एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगी तो फिर प्याज के दाम गिर गए और किसान फिर प्याज के आंसू बहा रहा है।
जानिए क्या चल रहे हैं रेट
कृषि उपजमंडी उज्जैन से मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर के पहले सप्ताह में अवकाश के चलते केवल दो दिन मंडी चालू रही। इन दो दिनों में 21019 क्विंटल प्याज की आवक रही, लेकिन भाव केवल 1450 रुपए प्रति क्विंटल रहे। इसके बाद दूसरे सप्ताह में प्याज के दाम 2350 रुपए प्रति क्विंटल हो गए, जिस दौरान 49788 क्विंटल आवक रही। अक्टूबर माह के तीसरे सप्ताह में तीन दिन मंडी लगी, जिन दिनों में 47746 क्विंटल आवक के साथ प्याज के भाव 2200 रुपए प्रति क्विंटल रहे। इसी महीने के अंतिम सप्ताह मतलब 23 से 31 अक्टूबर के बीच तीन दिन की मंडी में 27246 क्विंटल आवक रह गई। इस समय प्याज के भाव 2351 रुपए प्रति क्विंटल रहे।
बता रहे हैं कि इसके बाद प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंद लगा दी गई, जिससे इसके दाम ढेर हो गए और नवंबर के पांच दिनों में अधिकतम दाम 1705 रुपए प्रति क्विंटल से ज्यादा नहीं मिल सके। बता दें कि भारत के नजदीक वाले इस्लामिक देशों में प्याज की ज्यादा खपत होती है, जहां से इसके दाम भी अच्छे मिलते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी से स्थानीय बाजार मंदा है।
एक्सपोर्ट खुलने से फिर जगी आस
मंडी सचिव उमेश बसेडिया शर्मा के अनुसार चार दिन से प्याज का एक्सपोर्ट फिर शुरू हो गया है। इससे प्याज किसानों को ऊंचे भाव की उम्मीद जगी है।