प्रबंध समिति की ओर से किया जाता है आयोजन मंदिर प्रबंध समिति द्वारा बीते कुछ वर्षों से देश में उत्तम वृष्टि तथा लोकमंगल की कामना से प्रतिवर्ष पर्जन्य अनुष्ठान किया जाता रहा है। इस बार भी समिति 22 जून को आद्र्रा नक्षत्र में एक दिवसीय आयोजन का विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार आद्र्रा और मृगशिरा नक्षत्र होने से 24 घंटे का जलात्मक अभिषेक पूजन करने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि पिछले वर्ष पर्जन्य के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त से पहले ही नगर में उत्तम वृष्टि का दौर शुरू हो गया था, इसलिए मंदिर समिति ने आयोजन स्थगित कर दिया था।
22 जून को सूर्य का आद्र्रा में प्रवेश ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया पंचागीय गणना के अनुसार 22 जून को सूर्य का आद्र्रा नक्षत्र में प्रवेश हो रहा है। सूर्य के आद्र्रा में प्रवेश करते ही वर्षा ऋतु का मूल समय प्रारंभ हो जाएगा। मैदिनी ज्योतिष शास्त्र में आद्र्रा नक्षत्र को सूर्य का पर्जन्य नक्षत्र माना गया है। इस बार 15-16 जून के बाद सूर्य का मिथुन राशि में प्रवेश तथा जलकारक ग्रहों का परिवर्तन होने से आद्र्रा नक्षत्र को उत्तम वृष्टि का चक्र निर्मित करने में काफी बल मिलेगा।