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उज्जैन. महाकाल मंदिर में कार्यरत निजी सुरक्षा के गार्ड भगवान भरोसे ही हैं। प्रबंध समिति द्वारा मंदिर की निजी सुरक्षा एजेंसी को 5 माह से राशि का भुगतान नहीं हुआ है। नतीजतन सुरक्षाकर्मियों के वेतन के लाले पड़ गए हैं। इनको समय पर वेतन नहीं मिल रहा है।
एजेंसी को दे रखा है ठेका
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने निजी सुरक्षा एजेंसी को ठेका दे रखा है। समिति द्वारा एजेंसी को 5 माह 12 दिन की राशि का भुगतान नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार एजेंसी को 80 लाख रु. का भुगतान होना शेष है। एजेंसी ने 140 कर्मचारियों को जनवरी से मार्च तक तीन माह के वेतन का भुगतान तो अपने खाते से कर दिया, लेकिन राशि नहीं मिलने से अप्रैल- मई का वेतन नहीं दिया है। जून के 18 दिन बीत जाने के बाद भी वेतन के कोई पते नहीं है।
अधिकारी बदले, फाइल अटकी
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति में छह माह के दौरान चार प्रशासक बदले जा चुके हैं। नतीजतन भुगतान की फाइल लगातार अटकती रही है। इस बीच इधर मंदिर के ऑडिट विभाग ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और पुलिस सत्यापन पत्र प्रस्तुत करने को लेकर भी फाइल को रोक दिया। खास बात यह है सुरक्षा एजेंसी ६ माह पहले ही प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर चुकी है।
नाममात्र का वेतन वह भी समय पर नहीं
मंदिर में 140 कर्मचारियों की सेवा ली जाती है। प्रति कर्मचारी को प्रति माह करीब 6 हजार रु. वेतन दिया जाता है, लेकिन वह भी समय पर नहींं मिलता है। फिलहाल इनको मार्च तक का वेतन ही मिला है। शर्तों के अनुसार कर्मचारियों को वेतन देने की जिम्मेदारी एजेंसी की है। नौकरी जाने के भय से वेतन के लिए न तो कर्मचारी मंदिर प्रबंध समिति के सामने अपनी बात रखते हैं और न एजेंसी से मांग कर पाते हैं।
शैव महोत्सव का वेतन भी नहीं मिला
जनवरी में प्रदेश शासन और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की ओर से आयोजित शैव महोत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रम स्थल पर 8 दिन के लिए 200 रु. प्रतिदिन के मान से 32 कर्मचारियों की सेवा ली गई थी। इसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। एेसे में कर्मचारियों को मान देय नहीं मिला है।
Published on:
18 Jun 2018 08:54 pm
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