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महाशिवरात्रि पर 60 साल बाद दुर्लभ संयोग, महाकाल में शिव-पार्वती विवाह उत्सव की धूम शुरू

Mahashivratri 2025 in Mahakal Ujjain: महाशिवरात्रि पर इस बार 1965 के समान होगी ग्रहों की दशा, महाकाल उज्जैन में शिव-पार्वती विवाह उत्सव की धूम आज से शुरू, शिव रंग में रंगा महाकालेश्वर उज्जैन

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Mahashivratri 2025

Mahashivratri 2025

Mahashivratri 2025 in Mahakal Ujjain: भारतीय ज्योतिष शास्त्र और पंचांग की गणना के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर 60 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि धनिष्ठा नक्षत्र और परिध योग मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है।

उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में शिवरात्रि उत्सव 17 फरवरी आज से शुरू होगा। नौ दिन तक भगवान शिव की उपासना, तपस्या एवं साधना के लिए शिवरात्रि महापर्व मनाया जाता है। नौ दिन तक प्रतिदिन भगवान श्रीमहाकालेश्वर भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देंगे। इस बार हिंदू पंचांग अनुसार तिथि में वृद्धि होने से यह उत्सव 10 दिवसीय होगा। बता दें कि हर साल की तरह यहां शिव-पार्वती विवाह उत्सव की धूम शुरू हो गई है। विवाह की सभी रस्में आयोजित करते हुए विधि-विधान से संपन्न होगा। शिवमय माहौल में श्रद्धालुओं में भी गजब का उत्साह नजर आ रहा है।


ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि 1965 में महाशिवरात्रि पर सूर्य, बुध, शनि, कुंभ राशि में गोचर कर रहे थे। इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी को होगी। मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में भी इन्हीं तीन ग्रहों की युति रहेगी। यह योग कई दशक में एक बार बनता है।

सूर्य बुध का केंद्र त्रिकोण योग भी

पंडित डब्बावाला ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर सूर्य बुध का केंद्र त्रिकोण योग भी बन रहा है। इस योग में विशेष साधना से पराक्रम और प्रतिष्ठा का लाभ मिलता है। धर्म शास्त्रीय मान्यताओं के मुताबिक महाशिवरात्रि पर चार प्रहरों में अलग-अलग प्रकार से साधना करनी चाहिए।

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