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मरा हुआ बताकर सगे भाईयों ने हड़प ली दिव्यांग की जमीन, अब जिंदा होने के सबूत लेकर दर-दर भटक रहा पीड़ित

सगे भाइयों ने अपने दिव्यांग भाई को मृत घोषित कर उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया। अब दस्तावेजों पर मृत घोषित शख्स खुद को जंदा बताने के लिए भटक रहा है।

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मरा हुआ बताकर सगे भाईयों ने हड़प ली दिव्यांग की जमीन, अब जिंदा होने के सबूत लेकर दर-दर भटक रहा पीड़ित

मध्य प्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन से एक हैरान कर देने का मामला सामने आया है। यहां सगे भाइयों ने अपने भाई को मृत घोषित करके उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। अब दस्तावेजों पर मृत घोषित हुए शख्स के सामने अपनी जमीन का हक ले पाना तो दूर की बात सरकार की ओर से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं को लेने के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। पीड़ित अपने साथ जिंदा होने के दस्तावेज लेकर एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय भटक रहा है। फिलहाल इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी ने जांच शुरू कर दी है।

ये हैरान कर देने वाला मामला जिले के अंतर्गत आने वाले तराना के ग्राम सिद्धिपुर निपान्या का है। जहां रहने वाले कृषक नारायण सिंह गुर्जर पिता प्यारजी ने थाने में शिकायती आवेदन देते हुए उसके साथ धोखाधड़ी और सड़क हादसे में मिली राशि को फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर हड़पने की शिकायत की है। पीड़ित दिव्यांग ने ये शिकायत किसी और के नहीं बल्कि अपने सगे भाईयों के खिलाफ दर्ज कराई है। फिलहाल पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।

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भाईयों ने कमरे में बंद करके रखा

नारायण सिंह ने आवेदन में बताया कि, घर छोड़कर बैजनाथ महादेव मंदिर आगर में भिक्षावृत्ति करता था। इसी बीच 6 महीने पहले सड़क हादसे में उसका पैर टूट गया। जिसमें आगर पुलिस ने उसकी मदद की और इलाज के लिए उज्जैन रेफर करवा दिया। जब परिवार के लोगों को सूचना मिली तो उसे अस्पताल से छुट्टी कराकर घर ले आए। यहं उन्होंने उसे घर के एक कमरे में बंद कर दिया।

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जालसाजी करके हड़प ली जमीन

पीड़ित का कहना है कि, उसके घर वालों ने आगर जाकर एक्सीडेंट करने वाले व्यक्ति से इलाज के नाम पर 40 हजार रुपए भी ले लिए। बावजूद इसके उन्होंने मेरा इलाज नहीं कराया। इसके साथ ही राजस्व कर्मी और पंचायत कर्मियों से मिलकर फर्जी प्रमाण पत्र बना जालसाजी का कर मुझे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पटवारी और पंचायत प्रबंधन ने जालसाजी कर नारायण सिंह के नाम की भूमि पर से नाम काट दिया और भूमि भाइयों के नाम करदी। इधर मामले को अनुविभागीय अधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।