
सागर जटिया
उज्जैन। कोरोना में मां पिता की मौत हो गई। उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि स्कूल की फीस भर सकें। ऐसे हालातों के बाद भी सागर जटिया ने हिम्मत नहीं हारी और लगन के साथ मेहनत करते रहे। 10वीं में उन्होंने अच्छी पोजीशन बनाकर अपने माता पिता, टीचर्स और स्कूल का नाम भी रोशन कर दिया।
देवास रोड स्थित ज्ञानसागर स्कूल में पढ़ने वाले 10वीं के होनहार विद्यार्थी सागर जटिया के माता-पिता दोनों ही कोरोना में दुनिया से अलविदा कह गए थे। वह अपने दादा-दादी के साथ रहकर पढ़ाई करता रहा। सागर की मेहनत रंग लाई और उसने कक्षा 10वीं में 91.6 प्रतिशत अंक हासिल किए।
प्राचार्य गीता गर्ग ने बताया कि सागर के साथ ही उसकी छोटी बहन भी ब्रिलियंट हैं। स्कूल में इन दोनों का बिहेवियर अन्य बच्चों से अलग है। दोनों ही जितने क्यूट हैं, उतने ही पढ़ाई में भी होशियार हैं। बच्चों ने अपने माता-पिता खो दिए, लेकिन हिम्मत नहीं टूटने दी। पढ़ाई में अव्वल रहकर आज उसने 91.6 प्रतिशत अंक लाकर यह साबित कर दिया कि लगन और मेहनत से हर मुकाम पाया जा सकता है।
स्कूल ने की मदद, कर दी फीस माफ
प्राचार्य गर्ग का कहना है सागर के माता-पिता का देहांत हो जाने के बाद स्कूल प्रबंधन ने दोनों बच्चों की पढ़ाई और अन्य खर्चों में हरसंभव मदद की है। यहां तक कि दोनों की फीस माफ कर दी और उन्हें किसी तरह की कमी महसूस नहीं होने दी।
हालांकि सागर को इस बात का कुछ मलाल है कि यह उपलब्धि देखने उनके माता पिता जीवित नहीं हैं। यदि आज वे दोनों होते, तो खुशियां आसमान से ऊंची हो जातीं।
Published on:
13 May 2023 01:42 pm
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