
कुलपति को जिम्मेदार मानते थे विद्यार्थी, विवि में बदलाव से हजारों विद्यार्थियों की जागी उम्मीद
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्यक्रमों की परीक्षा अधिकारियों के रवैये के कारण अटकी हुई थी। इसमें कई मामलों में परीक्षा शीघ्र करवाने का निर्णय न्यायालय तक से आ गया है। इसके बावजूद परीक्षा आयोजित नहीं करवाई गई। विवि में बदलाव होते ही नए सिरे से परीक्षा करवाने के आवेदन अधिकारियों के पास पहुंचे हैं। इसके बाद विवि प्रशासन सक्रिय हुआ है और बिना कारण अटकी परीक्षाओं को करवाने की तैयारी शुरू कर रहा है।
इन परीक्षाओं की फाइल अटकी
एक निजी कॉलेज की परीक्षा का मामला लंबे समय से अटका हुआ है। इस संबंध में न्यायालय से फैसला आ गया है। विवि प्रशासन को शुक्रवार को कोर्ट के आदेश की प्रति दी। इसके बाद परीक्षा की तैयारी की जा रही है। दर्शनशास्त्र में संचालित डिप्लोमा की परीक्षा अकारण प्रभावित हुई। विभागाध्यक्ष एसके मिश्र ने कुलसचिव को सूचना भेजी, लेकिन फाइल नहीं आगे बढ़ी। अब उक्त परीक्षा को करवाने की मांग शुरू हुई। विक्रम विवि में वर्ष २०१६ में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में एडमिशन लेने वाले शोधार्थियों को कोर्स वर्क की परीक्षा में द्वितीय अवसर २०१७ में प्रवेशित शोधार्थियों की परीक्षा के साथ मिलना था, लेकिन वर्ष २०१७ में पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी। एेसे में विद्यार्थी परीक्षा की मांग कर रहे थे। यह फाइल भी अब तलाशी जा रही है।
शीघ्र आयोजित करवाएंगे परीक्षा
&परीक्षा समय पर आयोजित होनी चाहिए। जो भी परीक्षा समय चक्र से प्रभावित हंै। इन्हें शीघ्र आयोजित करवाया जाएगा।
डॉ. बालकृष्ण शर्मा, प्रभारी कुलपति।
Published on:
10 Feb 2019 08:00 am
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