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आंधी ही नहीं सामान्य मौसम में भी खराब हो रही महाकाल लोक की प्रतिमाएं

हस्तांतरण से पहले महाकाल लोक के हाल: स्ट्रक्चर उखड़े, प्रतिमाओं से उतरने लगा रंग, सिर्फ आंधी से ही गुणवत्ता पर सवाल नहीं

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Statues of Mahakal Lok getting spoiled also in normal weather

हस्तांतरण से पहले महाकाल लोक के हाल: स्ट्रक्चर उखड़े, प्रतिमाओं से उतरने लगा रंग, सिर्फ आंधी से ही गुणवत्ता पर सवाल नहीं

उज्जैन.
आंधी का हवाला देकर श्री महाकाल लोक में हुए कार्यों की गुणवत्ता को सही ठहराने का प्रयास हो रहा है लेकिन अन्य प्रतिमाओं के हाल, प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। लोकार्पण के आठ महीने में ही कई प्रतिमाओं के रंग उडऩे लगे हैं। कुछ स्ट्रक्चर भी उखडऩा शुरू हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतिथ्य में ११ अक्टुबर २०२२ को श्री महाकाल लोक का लोकार्पण हुआ था। सूत्रों के अनुसार अभी तक प्रोजेक्ट का पहला फेज ही हस्तांतरित नहीं हुआ है। ऐसे में अभी डीएलपी (डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड) शुरू नहीं हुआ और आंधी से सप्तऋषि की प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। सिर्फ आंधी के कारण ही महाकाल लोक की खूबसूरती प्रभावित नहीं हुई बल्कि सामान्य मौसम में भी प्रतिमाओं बिगड़ रही हैं। यहां लगी एफआरपी की प्रतिमाओं में से कई का रंग खराब होने लगा है। पत्थर से बने एक ओटले से फर्शियां उखड़ रही हैं। कुछ जगह पत्थरों में के्रक आए गए हैं। बताया जा रहा है कि अभी कई प्रतिमाओं में कलर का फाइनल कोट ही नहीं हुआ है। ऐसे ही कुछ अधूरे छुट-मुट कार्यों के कारण फस्र्ट फेज हैंड ओवर नहीं हो पाया है।

कमल तालाब में धूला में प्रतिमाओं का रंग
नंदी द्वार के नजदीक कमल तालाब बना है। इसके मध्य ध्यान मुद्रा में भगवान शिव की प्रतिमा व आसपास सिंह विराजित हैं। लोकार्पण के बाद तालाब में रंगनी फव्वारें चलाए जाते थे। तालाब के पानी से प्रतिमाओं का रंग फीका पड़ गया और कई जगह से गायब ही हो गया है।

शायद पानी का फोर्स भी सहन न कर पाएं
ख्ुाले स्थान पर लगे होने से प्रतिमाएं व अन्य निर्माण जल्द ही गंदे भी हो रहे हैं। कई स्ट्रक्चर पर धुल की परत और जाले लग गए हैं। निकट भविष्य में इन्हें पानी के फोर्स से धोना पड़ेगा। जिस तक अभी से प्रतिमाएं व अन्य स्ट्रक्चर खराब हो रहे हैं, आशंका है कि धुलाई के दौरान पानी का अधिक फोर्स यह सहन नहीं कर पाएं।