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जरा सी हवा में ढह गया 356 करोड़ का ‘महाकाल लोक’, जानिए क्या कह रही सरकार

महाकाल लोक को जरा सी हवा ने तबाह कर दिया। करीब 45 किमी की रफ्तार से चली हवा से महाकाल लोक में लगी कई मूर्तियां भी ढह गईं। महाकाल लोक का निर्माण करने करोड़ों खर्च किए गए थे और पिछले साल ही इसका शुभारंभ हुआ था। जरा सी आंधी में सब तहस-नहस हो जाने पर कांग्रेस हमलावर हो उठी है और महाकाल लोक के काम में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है।

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महाकाल लोक में लगी कई मूर्तियां ढह गईं

उज्जैन. दुनियाभर में धर्मनगरी अवंतिका को महाकाल के लिए जाना जाता है जिनके दर्शन के लिए रोज हजारों लोग आते हैं। महाकाल लोक बनने के बाद तो यहां रोज आनेवालों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। इसी महाकाल लोक को जरा सी हवा ने तबाह कर दिया। करीब 45 किमी की रफ्तार से चली हवा से महाकाल लोक में लगी कई मूर्तियां भी ढह गईं। महाकाल लोक का निर्माण करने करोड़ों खर्च किए गए थे और पिछले साल ही इसका शुभारंभ हुआ था। जरा सी आंधी में सब तहस-नहस हो जाने पर कांग्रेस हमलावर हो उठी है और महाकाल लोक के काम में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। इस मामले में अब सरकार का पक्ष भी सामने आया है।

नौतपा का चौथा दिन महाकाल की नगरी के लिए बर्बादी लेकर आया। आंधी से शहर में जगह-जगह पेड़ उखड़कर गिर गए, जिससे रास्ते बंद हो गए। 12 से अधिक गाड़ियां चकनाचूर हो गईं। शहर में करीब 50 से ज्यादा पेड़ गिरे जिस कारण लगभग आठ घंटे बिजली बंद रही। पेड़ गिरने व करंट फैलने से दो लोगों की मौत भी हुई।

महाकाल लोक में आंधी से खासा नुकसान हुआ। सप्तऋषि सर्कल में लगी छह प्रतिमाएं गिरकर खंडित हो गईं। खास बात यह है कि मूर्तियां लगाने के समय बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि ये मूर्तियां ना तो आंधी-तूफान से खराब होंगी और ना ही इस पर बारिश का असर होगा। प्लास्टर ऑफ पेरिस और फाइबर प्लास्टिक की बनी इन मूर्तियों को हवा की जरा सी तेज रफ्तार ने भारी नुकसान पहुंचा दिया।

बता दें कि ‘महाकाल लोक’ का काम दो चरणों में किया जा रहा है। महाकाल लोक के पहले चरण में करीब 356 करोड़ का काम हो चुका है। इसी का 11 अक्टूबर 2022 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने लोकार्पण किया था।

कंपनी करवाएगी मरम्मत
356 करोड़ के महाकाल लोक के यूं ढह जाने पर प्रशासन सफाई देने में जुट गया है। इस मामले में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि आंधी काफी तेज थी। कई पेड़ उखड़ गए हैं। महाकाल लोक में कुछ मूर्तियां गिरी हैं। सभी मूर्तियां पीओपी की थीं, जिन्हें सुंदरता के लिहाज से सीमेंटेड नहीं किया गया था। यहां सिर्फ मूर्तियां ही गिरी हैं, बाकी कुछ नहीं हुआ है, जबकि घटना के समय महाकाल लोक में हजारों लोग थे। जल्द ही मूर्तियों को पत्थर की मूर्तियों में बदल दिया जाएगा। इन मूर्तियों के 5 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कंपनी की है, इसलिए कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अब ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। यह भी देखा जाएगा कि बाकी मूर्तियों की जमावट ठीक है या नहीं।

सीएम शिवराजसिंह ने कहा— भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही कांग्रेस
इधर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आंधी-बारिश से तबाही को लेकर रविवार शाम दिल्ली से उज्जैन कलेक्टर और संभाग कमिश्नर से फोन पर चर्चा की। उन्होंने दोनों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा, कांग्रेस आपदा की स्थिति में भी भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है।

इधर, कांग्रेस ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई है। इसमें विधायक सज्जन सिंह वर्मा, रामलाल मालवीय, दिलीप गुर्जर, महेश परमार व मुरली पोरवाल और कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा व केके को शामिल किया है।