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विक्रम विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े पर एसटीएफ की नजर, खुलने वाला है बड़ा खेल

एसटीएफ ने मांगी विवि से कॉपी, एमए अंग्रेजी की एक कॉपी में हुए थे ९ से १८, फिर घट गए

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उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन की जांच में स्पेशल टास्क फोर्स सक्रिय हो गई। एसटीएफ की तरफ से विवि प्रशासन को शिकायत से संबंधित पत्र आया है। इस पत्र में अब तक शिकायत पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी है। इसी के साथ सीधे इन विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिका भी मांगी है। विक्रम विवि कुलसचिव डीके बग्गा गोपनीय पत्र होने की बात कह रहे हैं।
विक्रम विवि की सत्र २०१८-१९ की सेमेस्टर परीक्षा में एमए अंग्रेजी विषय में तत्कालीन सांसद चिंतामणि मालवीय के पुत्र व एबीवीपी के पदाधिकारी दुष्यंत मालवीय के पुनर्मूल्यांकन में नंबर ९ से बढ़कर १८ हो गए। इस मामले में शिकायत हुई। जांच शुरू हुई तो एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद से ही जांच जारी है। विवि प्रशासन ने भी नंबर बढऩे में हेराफेरी को स्वीकार किया और नंबर को १८ से घटाकर फिर ९ कर दिया। पुनर्मूल्यांकन की जिम्मेदारी प्रो. केएन सिंह के पास थी। कुछ दिन पूर्व ही उनसे यह काम वापस ले लिया गया है। इस गड़बडी में गोपनीय विभाग में पदस्थ एक कर्मचारी निलंबित चल रहा है।
गोपनीय में भी लिखवा लिए पेज: एमए अंग्रेजी की कॉपी में ९ से १८ नंबर होने के मामले में आरोप लगा कि उत्तरपुस्तिका में दो पेज छोड़कर कुछ प्रश्न के उत्तर लिखवा लिए। इसके बाद पुनर्मूल्यांकन कर दिया, लेकिन मामला तब बिगड़ गया, जब पूर्व में मूल्यांकन करने वाली शिक्षिका ने विवि प्रशासन को शिकायत कर दी। साथ ही बताया कि कॉपी में कितने पेज में लिखा हुआ था। इसके बाद अधिकारी उलझ गए। कॉपी दिखाने वाले कर्मचारी को निलंबित कर मामले को ठंडा करने की कोशिश, लेकिन मामला उलझता ही जा रहा है।
जितनी जरूरत, उतने बढ़े नंबर
विवि में विगत सत्र की सेमेस्टर परीक्षाओं में पुनर्गणना के रिजल्ट में अधिकारियों ने गजब का खेल खेला। इसमें जिस विद्यार्थी को परीक्षा में पास होने के लिए जितने नंबर की आवश्कयता थी। उतने ही नंबर बढ़े। पत्रिका ने उक्त विषय को रिजल्ट घोषित होने के बाद ही प्रमुखता से उठाया, लेकिन विवि के अधिकारियों की आपसी मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब इन्हीं शिकायतों की जानकारी मांगी है।