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उज्जैन. महाकाल मंदिर में शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश बताने पर गुरुवार को कोर्ट की नाराजगी के बाद शुक्रवार को मंदिर प्रबंध समिति का यू टर्न देखने को मिला। गुरुवार को मंदिर समिति द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश वाले बोर्ड हटा लिए गए थे। वहीं शुक्रवार को मंदिर समिति ने सभी निर्देशों के साथ नए बोर्ड लगाए हैं, जिसमें सभी निर्देश मंदिर प्रबंध समिति द्वारा देना बताया गया है।
शुक्रवार को महाकाल मंदिर समिति की ओर से नंदी हॉल में बोर्ड लगाया गया है, जिसमें महाकाल शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिए कुछ निर्देश अंकित किए गए हैं। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद मंदिर में लगाए गए नए बोर्ड पर मंदिर समिति द्वारा सभी निर्देश समिति द्वारा देना बताया गया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि उक्त निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि एक्सपर्ट कमेटी से प्राप्त सुझावों के बाद सभी निर्देश समिति द्वारा प्रदान किए गए हैं। इस संबंध में मंदिर समिति से जुड़े पदाधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं।
5 नदियों के जल से करेंगे अभिषेक
सनातन परम्पराओं से छेड़छाड़ करने का आरोप महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति पर स्वर्णिम भारत मंच ने लगाते हुए कहा कि बाबा महाकाल का आरओ के जल से अभिषेक करने की अनिवार्यता समाप्त की जाना चाहिए। इस निर्णय के विरोध में स्वर्णिम भारत मंच 3 दिसम्बर सुबह 11.30 बजे महाकाल मंदिर जाकर 5 नदियों के जल से बाबा महाकाल का अभिषेक करेगा। मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि शिवलिंग के क्षरण रोकने की भ्रामक जानकारी देकर महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति अपने मनमाने निर्णय श्रद्धालुओं पर थोप रही है। ऐसा ही निर्णय सुप्रीम कोर्ट की आड़ में आरओ जल से अभिषेक करने की अनिवार्यता का मंदिर समिति ले चुकी है, जबकि स्वर्णिम भारत मंच इस निर्णय का शुरू में विरोध कर चुका है।
Published on:
02 Dec 2017 02:53 pm
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