मालवा के परमार नरेशों के अभिलेखों में नागदा का प्राचीन नाम नागदा मिलता है। नागदा की सीमा में किए उत्खनन में प्रारंभिक लौह संस्कृति के प्रमाण मिले हैं। खुदाई के दौरान नागदा से दस प्रकार के लौह उपकरण मिले हैं। जिनमें दुधारी, कटार, कुल्हाड़ी का मूंठ, चम्मच, चिमटी, कुल्हाड़ी, छल्ला, बाणाग्र, चाकू और हसिया है, लेकिन सांपों के अवशेष नहीं मिले हैं। उत्खननों एवं अन्य स्थलों की खुदाई के आधार पर नागों के दहन को औचित्यपूर्ण नहीं माना गया है, इन पूरा स्थलों पर ताम्रपाषाणिक संस्कृति की परिसमाप्ति के तत्काल बाद ऐतिहासिक युग की संस्कृति का प्रारंभ माना गया है।