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दोनों हाथ नहीं लेकिन डॉल्फिन की तरह तेरते हैं अब्दुल

संभाग स्तरीय शालेय तैराकी और ड्राइविंग प्रतियोगिता में जीते दो पुरुस्कार

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उज्जैन. कमजोरी को ही ताकत बना लेना हर किसी के जस की बात नहीं ऐसा ही कुछ किया है तैराक अब्दुल कादिर ने उनके दोनों हाथ नहीं है लेकिन जब जे स्वीमिंग पूल में उतरते है तो डाल्फिन की तरह नजर आते हैं। उनकी तैराकी के प्रति जीजीविषा, मेहनत और लगन देखकर हर कोई अचंभित हो जाता हैं।

महानंदानगर स्वीमिंग पूल में मंगलवार को आयेजित संभागीय स्तरीय शालेय तैराकी और डाइविंग प्रतियोगिता में दिव्यांग तैगक अब्दुल कादिर की प्रतिभा को देख लोग हैरत में थे। रतलाम निवासी दिव्यांग तैराक प्रतियोगिता में बटर फ्लाय और बैक स्ट्रोक में भाग लिया और दोनों ही प्रतियोगिता में जीत हासिल की है।

5 नेशनल प्रतियोगिता में 11 स्वर्ण पदक
तैराक अद्दुल काविर ने अब्र तक 5 नेशनल प्रतियोगिता, जिसमें पेराओेलपिक नेशनल में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अब तक 11 स्वर्ण पदक जैते है। उनके पिता हुसेन इंदोरी ने बताया कि ऋचुल कादिर का 50 मैटर बटर फ्लाय में 44 सेकंड का रेकॉर्ड है। अभी स्कूल में पढ़ रहे अब्दुल अब अंतरराष्ट्रीय पैराऔलपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक लने के लिए मेहनल कर रहे है।

अब्दुल ने बटर फ्लाय में 100 व 200 मीटर में प्रथम तो बैक स्ट्रोक 100 मीटर में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। रतलाम के सेंट जोसेफ स्कूल में 10वीं के छात्र अब्दुल कादिर अपने पिता हुसैन इंदौर के साथ प्रतियोगिता में होने आए थे। जब साथी खिलाड़ियों ने उनके दोनों हाथ नहीं होना देखा तो अचरज में पड़ गए। जब प्रतियोगिता में बगैर दोनों हाथ हुए बिना अब्दुल ने स्वीमिंग पूल में उतरे तो झाल्फिन मछली की तरह तैरते दिखाई दिए। उनकी उपलब्धि पर जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा, जिला खेल अधिकारी अरविंद जोशी एवं जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी ने खिलाड़ी अब्दुल के साथ प्रशिक्षक राजा राठोड़ का स्वागत किया।

हादसे में दोनों हाथ काटने पढ़े
तैराक अब्दुल कादिर जब 7 वर्ष के थे तब उनके साथ झदसा हो गया था। हाइटेंशन लाइन के चपेट में आने से उनके दोनों हाथ डॉक्टर को निकालना पड़े। इसके बाद भी हौसला कम नहीं हुआ और 8 वर्ष की उम्र में उनकी तैराकी प्रतियोगिता के दौरान प्रशिक्षक राजा राठौड़ से मुलाकात हुई । पिता हुसैन इंदौरी उन्हें नियमित रूप से स्विमिंग पूल ले जाने लगे। तैराके रूप में अब देशभर में उनकी पहचान बनी है। व्यायाम शिक्षक अनिल निकम ने बताया प्रतियोगिता में 125 प्रतिभागियों ने भाग लिया।