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Lok Sabha Elections : कांग्रेस में मंथन जारी : जातिगत फार्मूले ने बढ़ा दी उलझन

कांग्रेस में टिकट को लेकर मंथन जारी है और संतुलन बनाने के लिए जातिगत समीकरण को विशेष तवज्जो दी जा रही है।

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उज्जैन. उज्जैन-आलौट संसदीय सीट पर राजनीतिक दलों के सामने जातिगत फार्मूले ने उलझन बढ़ा दी है। भाजपा द्वारा प्रत्याशी घोषित होने के बाद सामाजिक विरोध उठा वहीं कांग्रेस में भी दावेदार जातिगत समीकरणों को आधार बनाकर दावेदारी मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस में टिकट को लेकर मंथन जारी है और संतुलन बनाने के लिए जातिगत समीकरण को विशेष तवज्जो दी जा रही है।

बाहरी प्रत्याशी को लेकर खींचतान थी

कांग्रेस में अब तक स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी को लेकर खींचतान थी लेकिन भाजपा द्वारा सांसद चिंतामणि मालवीय का टिकट काट अनिल फिरोजिया को मैदान में उतारने के बाद कांग्रेस में टिकट दावेदारी के आधार बढ़ गए हैं। अब दावेदार पार्टी नेताओं के सामने अपनी जीत साबित करने के लिए जातिगत समीकरण अधिक दमदारी से रख रहे हैं। संसदीय क्षेत्र में जिन समाज के मतदाता अधिक, उससे जुड़े दावेदार चुनाव में उनकों इसका फायदा मिलने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरे समाज के दावेदार भाजपा के निर्णय व सीट के इतिहास का हवाला देकर यह तर्क रख रहे हैें कि मतदाता पार्टी के कार्य और प्रत्याशी की व्यक्तिगत छवि के आधार पर वोट देते हैं। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी अनिल फिरोजिया के समान समाज (खटीक) का दावेदार मैदान में उतारने से जीत का की संभावना बढऩे का दावा भी हो रहा है। एेसे में सूत्रों का कहना है कि भाजपा द्वारा प्रत्याशी तय करने से बदले सामाजिक समीकरण के कारण कांग्रेस को फिर से प्रत्याशी चयन को लेकर अलग-अलग बिंदुओं पर मंथन करना पड़ रहा है। हालांकि प्रत्याशी चयन में देरी के पीछे प्रमुख कारण उज्जैन-आलौट सीट पर आखिरी चरण में चुनाव होना बताया जा रहा है। इसके विपरित भाजपा प्रत्याशी तय होने और अघोषित प्रचार शुरू होने से कांग्रेस में जल्द प्रत्याशी की घोषणा का अंदरुनी दबाव बढऩे लगा है। एक-दो दिन में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में प्रत्याशी की अधिकृत घोषणा होने की संभावना है।

कांग्रेस में दावेदारी और जातिगत समीकरण
समान समाज- भाजपा प्रत्याशी अनिल फिरोजिया खटीक समाज से आते हैं। इसी समाज से कांग्रेस में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के पुत्र नितिश सिलावट दावेदारी कर रहे हैं। उनका नाम प्रमुख दावेदारों में हैं वहीं बाहरी होने के कारण विरोध भी है। इसके अलावा प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के पुत्र पवन वर्मा के नाम की भी चर्चा थी लेकिन कुछ दिन पूर्व सज्जन वर्मा ने बेटे के चुनाव लडऩे से इंकार करते हुए स्थानीय को ही मौका देने की बात कही थी।

बहुसंख्यक: आरक्षित सीट उज्जैन आलोट संसदीय क्षेत्र में मुख्य रूप से बलाई, रविदास और बैरवा समाज बहुसंख्यक हैं। इन समाजों में तराना विधायक महेश परमार की बहन सीमा परमार, पूर्व विधायक बाबूलाल मालवीय, जितेंद्र गोयल, कांग्रेस अजा विभाग जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मरमट, पूर्व पार्षद जितेंद्र तिलकर, दीपक मेहरे आदि दावेदार हैं।

अन्य: पूर्व में उज्जैन-आलोट सीट पर पासी व कोरी समाज का प्रतिनिधित्व भी रह चुका है। इन समाज से आने वाले नेता चुनाव लड़े और सांसद भी बने। वर्तमान में कांग्रेस से जेसी बोरासी, नरेंद्र कछवाय आदि दावेदारी कर रहे हैं।