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नौतपा में तमतमाया सूरज : पारे ने छुआ आठ साल पहले का रिकॉर्ड

हवा के दिशा बदलने के साथ अन्य राज्यों बार-बार चक्रवात बनने से मई में गर्मी का प्रभाव नहीं था। नौतपा की शुरुआत में भी इसकी तपन का एहसास नहीं था।

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उज्जैन. हवा के दिशा बदलने के साथ अन्य राज्यों बार-बार चक्रवात बनने से मई में गर्मी का प्रभाव नहीं था। नौतपा की शुरुआत में भी इसकी तपन का एहसास नहीं था। वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं होने के कारण दो दिन में गर्मी ने बुधवार को अपने एेसे तीखे तेवर दिखाए कि शहर में मई के दौरान पारे के 8 साल पहले के रिकॉर्ड की बराबरी हो गई। अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे अधिक है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी गर्मी से राहत के आसार नहीं हैं।

भीषण गर्मी ने शहर के बाशिंदों को बेहाल कर दिया
भीषण गर्मी ने शहर के बाशिंदों को बेहाल कर दिया है। दिन निकलते ही सूरज आग उगलने लगा, जिससे शहर का तापमान सुबह से ही चढ़त पर रहा। वातावरण में नमी के कम होने और वर्तमान में किसी वेदर सिस्टम के सक्रिय नहीं रहने गर्मी अपने तीखे तेवर दिखा दिए हैं। गर्मी ने बुधवार को भी झुलसाए रखा। आसमान से बरसती आग के साथ लू के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। पक्की सड़कें और छतें मानों गर्म तवा बन गई हो।

गर्मी ने एक रिकॉर्ड बराबरी की

इस बीच शहर में गर्मी ने एक रिकॉर्ड बराबरी की है। शहर में दिनभर आसमान से शोले बरसते रहे, जिससे सड़कों पर आवाजाही बेहद कम रही। उत्तर-पूर्वी राजस्थान, दक्षिण-पूर्वी उप्र पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ था। इन सिस्टम के कारण मध्य प्रदेश के वातावरण में नमी आ रही थी। आंशिक बादल बने हुए थे। नतीजतन तापमान स्थिर बना हुआ था। फिलहाल शहर नौतपा के दौरान भीषण गर्मी की चपेट में है। इसी क्रम में बुधवार को मई के दौरान इस सीजन का सबसे अधिक 44 डिग्री से.दर्ज किया गया। हालांकि रात के तापमान में कमी आ गई है। न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री रहा। गर्म हवा का असर देर रात तक बना रहा। हालांकि रात के तापमान में कमी आ गई है। न्यूनतम तापमान 27.5 डिग्री रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है। इससे वातावरण पूरी तरह शुष्क है। आसपास के प्रदेश भी भीषण गर्मी के चपेट में हैं। इस वजह से फिलहाल गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है।

2011 में था 44 डिग्री
बुधवार की सुबह से ही गर्मी का असर प्रारंभ हो गया था। दिन बढऩे के साथ ही सूरज भी तमतमाया। खुले आसमान और तेज धूप ने शहर को झुलसा दिया। सड़क पर निकलना मुहाल हो गया। 10 वर्ष के दौरान मई में पारे की चाल 46 से लेकर 43.5 के बीच रहीं है। बुधवार को दिन में गर्मी का एेसा कहर रहा कि पारे ने मई में बीते 8 साल के पारे की बराबरी कर ली। इसके पहले 26 मई 2011 को अधिकतम तापमान 44 रहा था।