जैसे पक्षी एक-एक तिनके से अपना घोंसला तैयार करता है, उसी प्रकार घर की छोटी-छोटी खुशियां और आपसी सामंजस्य मकान को घर बनाए रखता है। हिम्मत और प्रेम से घर को तैयार करने वाले पति या पत्नी की तिनके के समान एक छोटी गलती से घरौंदा उजड़ सकता है। कुछ एेसी ही समझाइश दी जाती है परिवार परामर्श केंद्र पर, जब घर के एक छोटे झगड़े पर दो परिवार थाने तक पहुंच जाते हैं। शहर के तीन थानों में स्थित परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने समझाइश देकर न सिर्फ दो परिवारों को फिर से मिलाया है, बल्कि पिछले एक वर्ष में 300 से अधिक परिवारों को टूटने से भी बचाया है। महिला थाना, कोतवाली थाना और जीवाजीगंज थाने पर स्थित परिवार परामर्श केंद्र पर एक वर्ष में कई आवेदन आए हैं, जिनका निराकरण परामर्श केंद्र पर उपस्थित सदस्यों ने समझाइश देकर ही कर दिया। इन आवेदनों पर कार्रवाई की जाती, तो संभवत: कई परिवार टूटकर बिखर गए होते।