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उज्जैन. महाकालेश्वर मंदिर में पूजन-अर्चन पर कोई शुल्क नहीं है लेकिन सशुल्क सुविधाओं का प्रावधान है। सुविधाओं की राशि को टैक्स के दायरे से बचाने के लिए मंदिर समिति दान शब्द का सहारा लेने जा रही है। इसके लिए कवायद चल रही है। महाकाल मंदिर में विशेष अनुदान के साथ-साथ विभिन्न सुविधाओं के एवज के लिए जाने वाले शुल्क की रसीदें जारी की जाती हैं। मंदिर को इन राशि पर टैक्स की छूट नहीं मिलती है। इसे ध्यान में रखकर मंदिर समिति द्वारा ने दान शब्द का उपयोग कर टैक्स से बचने की कवायद प्रारंभ की जा रहीं है।
समिति का यह है प्रस्ताव
महाकाल मंदिर की विभिन्न सुविधा और स्वेप मशीनों से प्राप्त होने वाली राशि की रसीदों को दान की श्रेणी में लाने के लिए मंदिर समिति द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में दान शब्द के लिए प्रस्ताव रखा गया था। इसमें बताया गया कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रदाय की जा रही सभी प्रकार की रसीदों पर किराया या शुल्क के स्थान पर दान शब्द लिखा जाना चाहिए, ताकि मंदिर समिति पर टैक्स की जवाबदारी नहीं आए। इसी प्रकार स्वेप मशीनों पर ट्रांजेक्शन स्लीप पर भी दान शब्द प्रिंट कराया जाए।
कर सलाहकार से सलाह
रसीदों पर दान शब्द का उल्लेख/प्रिन्ट करने के संबंध में मंदिर प्रबंध समिति ने विवादों से बचने के लिए प्रस्ताव को उचित मार्गदर्शन/सलाह के लिए सीए को भेजने का फैसला किया था। सूत्रों के अनुसार फिलहाल मंदिर समिति को सीए की राय का इंतजार है।
कई तरह की रसीदें जारी होती हैं
मंदिर समिति विशेष दर्शन के लिए रसीद की तरह टिकट जारी करती है तो अभिषेक शुल्क, मंदिर समिति की दोनों धर्मशाला, विक्रम कीर्ति मंदिर किराए और स्वेप मशीनों से प्राप्त होने वाली राशि के लिए रसीदें जारी करती हैं। यह राशि निर्धारित सीमा से अधिक होने पर टैक्स के दायरे में आती हं।
पुजारी-पुरोहितों को अंशदान राशि का भुगतान सीएम करेंगे
उज्जैन ञ्च पत्रिका. महाकालेश्वर मंदिर में सिंहस्थ के दौरान प्राप्त विशेष दर्शन शुल्क की राशि से 25 प्रतिशत राशि का भुगतान पुजारी और पुरोहितों को मुख्यमंत्री के हाथों किया जाएगा। सिंहस्थ के दौरान प्रभारी मंत्री की ओर से विशेष दर्शन शुल्क की राशि से पुजारी पुरोहितों को अशंदान देने की घोषणा की गई थी। अशंदान लंबे समय से अटका हुआ था। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद अब 22 नवंबर को मुख्यमंत्री महाकाल आगमन के दौरान पुजारी पुरोहितों को इस राशि के चेक भेंट करेंगे। पुजारी पुरोहितों को करीब डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान होगा।
Published on:
20 Nov 2017 01:46 pm
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