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क्यूआर कोड से देखें उज्जैन प्राधिकरण के मकान-प्लॉट

यूडीए प्रदेश का पहला प्राधिकरण, जिसकी आवासीय योजना के भूखंडों की ट्रेस हो सकेगी लोकेशन इंदौर रोड की बेशकीमती गुलमोहर कॉलोनी के भूखंडों से बॉरकोड की शुरुआत

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यूडीए प्रदेश का पहला प्राधिकरण, जिसकी आवासीय योजना के भूखंडों की ट्रेस हो सकेगी लोकेशन इंदौर रोड की बेशकीमती गुलमोहर कॉलोनी के भूखंडों से बॉरकोड की शुरुआत

उज्जैन. उज्जैन विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं के भूखंडों की लोकेशन अब लोग देश-विदेश में बैठकर भी देख सकेंगे। ऐसा प्राधिकरण की ओर से अपनी आवासीय योजना के भूखंडों के लिए निकाले जाने वाले टेंडरों में क्यूआर कोड के उपयोग करने से होगा। इस कोड को स्कैन करने से योजना की लोकेशन के साथ आसपास की कॉलोनी का व्यू भी दिख जाएगा। इसकी शुरुआत इंदौर रोड स्थित गुलमोहर कॉलोनी के भूखंडों की विज्ञप्ति से हो रही है।
प्रदेश में भूखंडों की लोकशन को लेकर क्यूआर कोड का नया प्रयोग उज्जैन विकास प्राधिकरण ने ही शुरू किया है। अब तक प्राधिकरण की आवासीय योजना में बेचे जाने वाले भूखंड व मकानों की जानकारी अखबारों में विज्ञप्ति के साथ प्राधिकरण की साइट पर ही देखी जा सकती थी। इसमें यह पता नहीं चलता था कि योजना कहां पर है, आसपास की स्थिति क्या है और शहर के किस क्षेत्र में यह भूखंड मौजूद है। क्यूआर कोड के चलते अब देश-विदेश में कहीं भी बैठा व्यक्ति इसे स्कैन कर भूखंडों की लोकेशन को ट्रेस कर सकेगा। इसमें व्यक्ति को आवासीय योजना कहां पर है उसका क्षेत्र गूगल मैप से पूरा क्षेत्र दिखाई दे जाएगा। इस गूगल मैप के माध्यम से आवासीय योजना के आसपास मौजूद कॉलोनी व मुख्य मार्गों की स्थिति भी जानी जा सकेगी।

लोकेशन दिखेगी, मकान-भूखंड क्रमांक नहीं
क्यूआर कोड की नई व्यवस्था से प्राधिकरण के मकान-भूखंड की लोकेशन भर दिखेगी। इसमें मकान-भूखंड के क्रमांक नहीं दिखेंगे। इसके लिए हितग्राहियां को मौके पर जाकर ही भूखंड की स्थिति जानना पड़ेगी। वहीं अधिकारी बता रहे हैं कि लोकेशन पसंद आने पर ही लोग मकान-भूखंड खरीदने का मन बनाते हैं। यदि लोकेशन जमती है तो खरीदार यूडीए कार्यालय या स्पॉट पर जाकर स्थिति देख सकते हंै।

यह होगा फायदा
- भूखंड व मकान खरीदने के इच्छुक को अब लोकेशन देखने के लिए मौके पर नहीं जाना पड़ेगा। गूगल मैप से ही योजना दिख जाएगी।

- आवासीय योजना कहां पर मौजूद है और यहां कैसे पहुंचा जा सकता है यह स्पष्ट हो जाएगा।
- गूगल मैप के माध्यम से आवासीय योजना के आसपास स्थित कॉलोनी व अन्य मुुख्य मार्गों को देखा जा सकेगा।

- खासकर शहर के बाहर रहने वाले लोग भी क्यूआर कोड से आवासीय प्रोजेक्ट को जान सकेंगे।
इनका कहना

प्राधिकरण के मकान-भूखंड बेचने की विज्ञप्ति में अब क्यूआर कोड भी रहेगा। इस क्यूआर कोड को स्कैन कर लोग योजना की लोकेशन देख सकेंगे। प्रदेश में इसकी शुरुआत यूडीए से ही की जा रही है।
- आरसी वर्मा, अधीक्षण यंत्री, यूडीए