
परीक्षा से पहले वाट्सएप पर पहुंचे प्रश्र, अधिकारी बना रहे कैसे-कैसे बहाने
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय की बीएससी पंचम सेमेस्टर के फिजिक्स विषय के पेपर लीक होने की शिकायत और उच्च स्तरीय जांच की मांग बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया और विभाग के प्रमुख सचिव से हुई। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन और युवा कांग्रेस की तरफ से अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग को दोनों के नाम ज्ञापन सौंपा है। बता दें, सोमवार को आयोजित परीक्षा के १० प्रश्न रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। विवि प्रशासन ने एक्सपर्ट की राय लेकर परीक्षा को लीक होने से इनकार कर रहा है। हालांकि जिम्मेदार १० सवालों को संबंध में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। विवि के जिम्मेदार दबी जबान में प्रश्नों को टॉपिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। वायरल प्रश्न और परीक्षा प्रश्नपत्र के प्रश्न पूरी तरह से एक समान हैं। दूसरी तरफ १ दिसंबर को गणित विषय के प्रश्न भी वायरल हुए थे। विवि प्रशासन उस हिस्से की जांच नहीं कर रहा है, क्योंकि गणित विषय के टॉपिक और प्रश्न कभी समान नहीं हो सकते हैं।
कुलसचिव छुट्टी पर
पेपर लीक होने का प्रकरण सामने आने के बाद मंगलवार दोपहर कुलसचिव छुट्टी पर चले गए। यह पहला मामला नहीं है, जब किसी भी विवाद के शुरू होने के साथ जिम्मेदारों को आवश्यक काम से बाहर जाना पड़ा हो। पेपर लीक में विवि के सभी प्रमुख अधिकारी कुलानुशासक शैलेंद्र शर्मा को जबावदेह बता रहे हैं। इधर, शैलेंद्र शर्मा कुछ भी जानकारी देने में खुद पूरी तरह से असमर्थ बता रहे हैं। वहीं पत्रिका ने उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया से सम्पर्क किया, तो उनके स्टाफ ने चुनाव दौरे में होने के कारण बाद में जानकारी देने की बात कही।
उच्च स्तरीय जांच के लिए मांग: युकां उत्तर विधानसभा अध्यक्ष प्रतीक जैन का कहना है कि गोपनीय विभाग में आग लग गई। हजारों विद्यार्थियों की कॉपी जल गई। मूल्यांकन में त्रुटी हो रही है और प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं। एेसे सभी प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच के लिए प्रमुख सचिव से मांग की है।
छात्र संगठनों के ग्रुप से वायरल
प्रश्न माधव साइंस कॉलेज के छात्र संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों के सोशल मीडिया के ग्रुप से प्रश्न वायरल हो रहे हैं। विवि ने इस संबंध में जांच शुरू नहीं की। दरअसल, प्रश्नपत्र बनाने का काम गोपनीय होता है। कुलपति पेपर बनाने वाले शिक्षक का नाम तय करते हंै और कुलसचिव की निगरानी में पूरी प्रक्रिया होती है। एेसे में प्रमुख अधिकारी खुद को बचाने में लगे हुए।
Published on:
07 Dec 2017 10:42 am
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
